बचपन – बचपन पर कविता हिंदी में (Childhood Hindi Poetry)

Childhood Poem

प्रस्तुत कविता ‘बचपन’ के माध्यम से जीवन के स्वर्णिम काल कहे जाने वाले बचपन की चर्चा की गयी है।उस अवस्था को एक अनसुलझी कहानी की तरह बताते हुए ये कहने का प्रयास किया गया है कि एक बालक को कोई लाज़-शर्म नहीँ होता एवं इस संसार और अपने कर्तव्यों की परवाह नहीं होती।

क्या आपको Onion बनाता है? मूल रूप से लोगों की परतें जो नहीं दिखती

Layers Of Onion

ओनियन और कहें तो प्याज, जो हमारे खाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है पर जब हम उसे काटते हैं, तो आँखों से आंसू बहते हैं और एक के बाद एक कई परते निकल आती हैं और अंत में एक खोकला हिस्सा बचता है। पर उन सब परतों को मिला कर ही एक स्वादिष्ट भोजन बन पाता है। क्या हम सब भी उस प्याज की तरह नहीं है? कितनी ही परते हैं हमारे अन्दर, कोई नहीं जान पाता कि आखिर सच में हम क्या हैं। हम रोज़ अपने आप को अलग अलग परतों के अन्दर छुपा के रखते हैं। कई बार चाहते कुछ हैं पर बोलते कुछ और हैं।

पेंटिंग के रहस्य: अपने बच्चों का सहारा नहीं, साथी बने

Sahara Nahi Sathi Baniye

पेंटिंग के रहस्य: अपने बच्चों का सहारा नहीं, साथी बने बच्चों की परवरिश कैसे करें, इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप सहारा नहीं, बच्चों के साथी बने। हम अक्सर अपने बच्चो का सहारा बन्ने की कोशिश करते हैं, उन्हें हर बुराई से बचा के रखने की कोशिश करते हैं।

साल 2017 के अंत में मोदी जी ने क्या क्या दिया था देश को तोहफा

Pm Modi, Hand, Angry

साल के अंत में मोदी का देश को तोहफ़ा; 2017 के आरम्भ होने से कुछ घंटे पहले माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश को संबोधित किया । इस संबोधन के बाद देश के कुछ वर्गों में तो ख़ुशी की लहर हैं लेकिन कुछ तबका ऐसा भी है जोकि खासा खुश नही है। कई लोगों का ये भी मानना है कि मोदीजी के द्वारा दिया गया भाषण आगामी सत्र में आने वाले बजट का एक ट्रेलर मात्र है…