आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम खुद पर, अपने रहन सहन और खानपान पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाते। परिणाम स्वरूप हमारा स्वास्थ्य बिगड़ जाती है। और फिर क्लिनिक, डाक्टर और अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते हैं। स्वास्थ्य के प्रति थोड़ी सी लाचारी और ध्यान न देना, स्वास्थ्य और उसके पीछे संपत्ति दोनों को दाव पर लगाना हो सकता है।
समय रहते स्वास्थ्य को सुधार लेने में ही समझदारी है। इसके लिए व्यक्ति को नियमित व्यायाम और सही जीवन शैली को अपनाना होगा। अपने खान पान में सही आदतों को अपनाने से हम हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं तथा जीवन को खुशहाल बना सकते हैं, और पूरी ज़िन्दगी भरपूर जी सकते हैं।
1. समय पर भोजन ग्रहण करना
इस सदी में काम के चक्कर में किसी को भी समय का आभाव नहीं होता, हर व्यक्ति अपने लक्ष्य को पाने में इतना चूर हो जाता है कि उसे कब सुबह हुई और कब शाम यह भी ज्ञात नहीं होता। खाली समय मिलने पर व्यक्ति सोशल मीडिया पर अपना समय गुजारता है। मनुष्य अपने स्वास्थ्य और खानपान को हमेशा बरकरार रहने वाली अपनी विरासत समझ लेता है। वह समय पर भोजन नहीं लेता। जबकि यह हमारी भूल हो सकती है। स्वास्थ्य को बिगड़ते मोड पर ले जाने का अनचाहा कदम हो सकता है।समय पर भोजन ग्रहण न करने से स्वास्थ्य से जुड़ी हुई कई सारी समस्याएं खड़ी हो सकती है जिसमे (जठरांत्र) गैस्ट्रोइंटेस्टिनल से जुड़ी हुई समस्याएं आम हैं। डायजेस्टिव सिस्टम को समय पर काम में लगाने से शरीर में पर्याप्त न्यूट्रीशन बनता है जो हमें अपने काम को करने के लिए एनर्जी देती हैं।
2. स्वास्थ्य वर्धक भोजन का सेवन करना
आज बाज़ार में फास्ट फूड से लेकर रेडीमेड-फूड तक उपलब्ध है। पर क्या ये सभी स्वास्थ्य वर्धक है? नहीं। इन सभी खाद्य पदार्थों के सेवन से सिर्फ ब्लड शुगर और मोटापे में इज़ाफ़ा किया जा सकता है। अगर स्वास्थ्य को बनाए रखना है तो स्वास्थ्य वर्धक भोजन का सेवन करना होगा। ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें कार्बोहाइड्रेट, न्यूट्रिशन, विटमिन, फाइबर, और फैट की मात्रा उतनी हो जितनी हमारे शरीर को आवश्यकता है।
अपने खाने में रोटी, चावल, दही, दूध, घी, चने, मटर, पनीर, अंडा, फिश, हरी सब्जियां और फल का सेवन करके स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है।
3. अच्छे से चबाकर खाना
अच्छे से चबा कर खाने से डायजेस्टिव सिस्टम को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। जीव वैज्ञानिक शोध के अनुसार हर एक निवाले को 20 से 30 बार चबा कर खाना चाहिए। चबा कर खाने से भोजन डायजेस्टिबल हो जाता है। जिसे शरीर आसानी से पचा लेता है। भोजन के अच्छे से न पच पाने से शरीर में जगह-जगह पर फैट इक्कठा हो जाता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। भोजन के अच्छे से पच जाने से शरीर में फैट इक्कठा नहीं होता। और मोटापा कंट्रोल में रहता है।
4. पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना
शरीर तीन-चौथाई पानी से बना है। और पानी के पर्याप्त मात्रा में होने से शरीर के फंक्शन सही होते हैं। पानी शरीर के अनावश्यक पदार्थों को निकालने में भी मददगार साबित होता है। जीव वैज्ञानिक शोध के अनुसार हमें कम से कम रोज़ाना २-३ लीटर पानी पीना चाहिए।
5. आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का सेवन न करना
आज कल के बाजारों में खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक मीठा मिलाने के बजाय आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का इस्तेमाल किया जाता हैं। आर्टिफिशियल स्वीटनर्स स्वास्थ को बिगाड़ने के साथ साथ कई विकारों को भी ले आते है। आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, और हृदय रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
स्वास्थ को बिगाड़ने से बचाने के लिए हमें आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का सेवन नहीं करना चाहिए।
6. अल्कोहल या नशीली पदार्थों का सेवन न करना
अल्कोहल या नशीले पदार्थ शरीर को अंदर ही अंदर से खोखली कर देते हैं। और इनका सेवन करने वालो को इसका पता भी नहीं चलता। ये पदार्थ शरीर के मेटाबॉलिज्म पर असर करता है, और उसे खराब कर देता है। स्वास्थ को बनाए रखने के लिए अल्कोहल या किसी भी तरह के नशीले पदार्थों का सेवन न करे।
स्वास्थ्य को बनाए रखने में सही भोजन के साथ साथ सही मात्रा में सेवन करना भी महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि सुबह के समय हल्का-फुल्का न्युट्रिशन वर्धक भोजन लेना चाहिए। दोपहर का खाना राजाओं की तरह खाना चाहिए। दोपहर के खाने में सभी प्रकार के व्यंजन होने चाहिए। शाम को हल्का-फुल्का ही ग्रहण करना चाहिए। और रात का खाना कम ही खाना चाहिए। क्योंकि रात को हमारा शरीर सोते समय धीरे काम करता है, जिससे वह खाने को पूरी तरह पचा नहीं पाता। ऐसे में तोंद निकलने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
इन्ही आदतों को अपनाकर हम अपने स्वास्थ को बिगाड़ने से बचा सकते हैं। और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।