दिल्ली दुनिया के सबसे बड़े लोकतन्त्र की राजधानी, वो जगह जहाँ देश के सभी बड़े राजनेता बैठकर पूरी दुनिया के देशों से भारत को सुरक्षित रखने की रणनीति बनाते हैं। देश की सुरक्षा नीति तैयार की जाती है, पडोसी मुल्क आक्रमण की रणनीति बनाई जाती है और एक ऐसा शहर जो ऐतिहासिक काल से ही हर आक्रमणकारी की पहली पसंद रहा है, आज कल भी समाचारों में सुर्खियों में है। वैसे तो हमेशा ही दिल्ली मुख्य समाचारों का हिस्सा रहा है, कभी राजनीतिक गतिविधियों की वजह से, तो कभी अपने क्राइम रेट की वजह से कभी महिला सुरक्षा को लेकर।
तो कभी प्रदूषण को लेकर, लेकिन इस बार वजह है एक नया आक्रमणकारी, जो दिल्ली की जनता का जीना मुहाल किये हुए है। अरे चौंकिए नही में किसी नेता की या पडोसी मुल्क की बात नही कर रही मैं तो बात कर रही हूँ, उस उपद्रवी तत्व की, जो कब चुपके से हमारे घर में घुस जाता है और हमें अपनी गिरफ्त में लेकर इतना मजबूर कर देता है कि हम कुछ भी करने से लाचार हो जाते हैं। वो हमारे नन्हे बच्चो को भी नहीं छोड़ता और बुजुर्गो को भी नहीं।इतना बेदर्द तो is और आतंकवादी भी नही होते, वो तो एक वार में ही अपना काम कर देते हैं पर ये तो साल भर का दर्द दे जाता है।
अभी तो आप समझ ही गए होंगे की मैं किसकी बात कर रही हूँ ………
जी हाँ! मैं बात कर रही हूँ उस छोटे से पर खतरनाक जीव की, जो है तो इतना छोटा की नज़र भी न आये पर अगर काट ले तो जान पे बन आये; एक मच्छर, हाँ! एक मच्छर इंसान की जान ले सकता है। आज कल दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया के बड़ते हुए मामले देखकर तो बस यही कहना पड़ रहा है।
“ऐ दिल, है मुश्किल जीना यहाँ ज़रा हटके, बच के, ये है दिल्ली मेरी जान”
इस समय दिल्ली की आधी से ज्यादा जनता चिकनगुनिया की चपेट में है, जिसके कारण स्वास्थ्य मंत्रालय में हड़कंप मचा हुआ है।
“चिकनगुनिया ने किया दिल्ली को बीमार, 8 साल का टूटा रिकॉर्ड”
क्या है चिकनगुनिया?
चिकनगुनिया एक वायरस है, जो कि एडिस मच्छर के काटने से होता है। जैसे ही वायरस बॉडी में प्रवेश करता है, इंसान बुखार, खांसी, जुकाम से ग्रसित हो जाता है।
ये वायरस एक ग्रसित व्यक्ति को कांटे गये मच्छर द्वारा किसी और व्यक्ति को कांटने से फैलता है
आइये जानते हैं इस रोग के लक्षण के बारे में…
- चिकनगुनिया बुखार में इंसान के जोड़ों में काफी दर्द होता है। कभी-कभी तो ये दर्द ठीक होने में 6 महीने से ज्यादा का समय लग जाता है।
- मरीज को हमेशा बुखार रहता है (100 डिग्री के आस-पास)।
- एक निर्धारित समय आने पर बुखार एकदम से तेज भी हो जाता है।
- शरीर पर लाल रंग के रैशेज बन जाते हैं।
- मरीज को भूख नहीं लगती और हमेशा थकान महसूस होती है।
- सिर में दर्द और खांसी-जुकाम रहता है।
आइये जानते हैं इस रोग के उपाय के बारे में…
सबसे गंभीर बात ये है कि इस रोग से बचने के लिए कोई टीका नहीं है इसलिए एडिस मच्छर से बचने के लिए इंसान को अपने आस-पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि मच्छर पनपे ही ना।
इस रोग से बचने के लिए हम आपको निम्नलिखित टिप्स बता रहें हैं जिन पर अमल करके आप इस वायरस की चपेट में आने से बच सकते हैं।
- चिकनगुनिया का मच्छर दिन में काटता है आमतौर पर चिकनगुनिया का मच्छर दिन में काटता है इसलिए दिन में भी मच्छर कॉयल जलाकर रखें।
- सफाई रखें, अपने घर के अंदर और आस-पास हमेशा सफाई रखें।
- पानी स्टोर ना होने दें; घर में पानी एकत्रित होने ही ना दें।
- कूलर का पानी चेंज करें और कूलर के पानी को रोज बदलिये।
- मच्छरदानी का प्रयोग- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग कीजिये।
- अपने आप को कवर रखें- फुल बांह वाले कपड़े पहनिये और हमेशा अपने आप को ढककर घर से निकलें।
- अपने आप डॉक्टर खुद ना बनें- लक्षणों के आधार पर डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवा लें।
ये बीमारी छोटे बच्चों व बुजुर्गों को ज्यादा परेशान करती है इसलिए उनका विशेष ध्यान रखें ।
— सावधान रहें सुरक्षित रहें —