भारत की मौजूदा सरकार, मोदी सरकार ने गुरुवार को पूर्व बजट में संपूर्ण परिवार का स्वास्थ्य बीमा अर्थार्थ हेल्थ इंश्योरेंस का ऐलान किया जिसके अंतर्गत देश के हर उम्र के गरीब तथा पिछड़े वर्ग के लोगों को हर बीमारी के लिए इलाज में आर्थिक सहायता मिलेगा।
प्रस्तावित स्कीम के तहत पूरे देश में करीब Rs. 10 करोड़ परिवारों को 50 करोड़ लोगों को प्रति वर्ष Rs. 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा जिसका प्रीमियम करीबन Rs. 1000 रुपए से लेकर Rs. 1200 तक होगा।
प्रस्तावित हेल्थ केयर बीमा का भार केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों को भी उठाना पड़ेगा। यह बीमा योजना पूर्णतः कैशलेस होगा जिससे भ्रष्टाचार, घूसखोरी तथा कई तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सकेगा। साथ ही साथ भारत सरकार अस्पतालों में चल रहे कालाबाजारी तथा लूट पर नजर रख सकेगी।
मोदी सरकार का दावा है कि नमो केयर योजना में सरकारी तथा प्राइवेट क्षेत्र की बीमा कंपनियां रुचि ले रही हैं जिसका मतलब यह है कि भारत सरकार को इस बीमा को लागू करने में पैसों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
जब भी भारत सरकार नई योजना लाती है, तो सबसे महत्वपूर्ण सवाल होता है कि इस बीमा का लाभकारी कौन होगा? शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि इस योजना के लाभकारी का चयन आर्थिक, सामाजिक और जातिगत गणना के आधार पर किया जाएगा तथा यह बीमा 15 अगस्त या 2 अक्टूबर को लॉन्च किया जा सकता है।
जब भी कभी स्वास्थ्य बीमा की बात आती है तो सबसे बड़ी चर्चा इस मुद्दे पर होती है कि इस बीमा के अंतर्गत कौन-कौन सी बीमारियां कबर होंगी, फिलहाल मोदी सरकार का दावा है कि इस बीमा के अंतर्गत हर प्रकार की बीमारी कवर की जाएगी जिसमें जेनेटिक बीमारी भी शामिल है, जो ज्यादातर निजी कंपनियों की बीमा योजनाओं में नहीं होती।
विपक्ष का कहना है कि भारत सरकार आगामी चुनाव 2019 को नजर में रखते हुए लुभावने स्क्रीन ला रही है।
भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया, कि स्वास्थ्य बीमा योजना पूर्णता कैशलेस होगा तथा इस बीमा के अंतर्गत पहले खुद खर्च करने और बाद में इलाज का भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी। अरुण जेटली ने यह स्पष्ट किया कि यह योजना अगले वित्त वर्ष से लागू किया जाएगा और आवश्यकता पड़ी तो फंड बढ़ाया जाएगा।
अब यह देखना है कि, किसको और कितना फायदा होगा और यह बीमा योजना कब लागू होगा। आप अपने विचार नीचे कमेंट में दे सकते हैं।