आप जानते ही हैं, वैसे तो इस पूरी दुनिया में मंदिरों की कोई भी कमी नहीं है, क्योंकि हमारे यहां के जो लोग हैं, उनमें मंदिरों को लेकर काफी अच्छी धार्मिक मान्यता है, इसीलिए इस पूरी दुनिया में लोग हमेशा ही अपने परिवारों के साथ किसी भी मंदिरों में जाते जरूर हैं और विज्ञानिकों ने भी यहां तक सिद्ध कर दिया है कि अगर इस पृथ्वी पर कोई भी चीज सत्य है तो वह केवल हमें मंदिरों में जाकर जो शांति प्रतीत होती है वही सत्य है, पर आज हम आपके सामने जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वह मंदिर इस पूरे विश्व का सबसे बड़ा मंदिर है और यह मंदिर की खास बात यह है कि यह सबसे बड़ा होने के साथ-साथ सबसे ज्यादा प्रसिद्ध भी हैं। यहां पता ही नहीं की कितने लोगों का रोज आना जाना लगा रहता है और यहां पर जो भी लोग पूरी मान्यता के साथ आते हैं उनके सब कार्य सिद्ध भी होते हैं।
आपको बता दें, यह विश्व के सबसे बड़े मंदिर का नाम ‘अकोरबाट’ मंदिर है।’अकोरबाट’ मंदिर का वैसे पूरा नाम यशोधर पर था और इसके साथ आपको बता दें, इस मंदिर का निर्माण राजा सूर्यवर्मन द्वितीय के शासनकाल में हुआ था।यह मंदिर वैसे ‘मीकांग’ नदी के किनारे के आसपास के शहर में बना हुआ है।
यह मंदिर पूरे संसार का सबसे बड़ा मंदिर कहलाया जाता है।इस मंदिर का फैलाव सैंकड़ों वर्गों मील से भी कहीं ज्यादा है और इस मंदिर की खास बात तो यह रही है, कि यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और आपको पता ही है जहां कोई भी मंदिर होता है वहां बड़े-बड़े शिव भगवान के मंदिरों का निर्माण भी करवाया जाता है, इसी मंदिर में भी शासकों ने यहां बड़े-बड़े शिव के मंदिरों का निर्माण करवाया था।’अंकोरवाट’ का यह मंदिर कंबोडिया राष्ट्र का सबसे बड़ा प्रतीक है।यह मंदिर मेरु पर्वत का प्रतीक भी कहलाया जाता है।
इस मंदिर की दीवारों पर ऐसी-ऐसी चित्रकारिया की हुई है, कि जो भी इसे एक नजर देखता है वह देखता ही रह जाता है यहां पर पता नहीं लोग कितने लोग इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं।इस मंदिर की मान्यता ही यही है, कि जो भी यहां पूरी श्रद्धा से आता है वह यहां से कोई ना कोई फल जरूर लेकर जाता है।
जो भी इस मंदिर की दीवारों पर शिल्प कलाएं हुई हैं, वह बहुत ही सुंदर के साथ साथ जगह जगह पर प्रसंग भी प्रकट करती हैं।इन प्रसंगों में जैसे अप्सराओं का चित्रण है, वह असुर और देवताओं के बीच समुद्रमंथन का भी पूरा दृश्य दिखाया गया है, जो देखने में बहुत ही सुंदर प्रतीत होता है।विश्व का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल के साथ-साथ यह मंदिर विश्व धरोहर स्थलों में से एक माना जाता है। इस मंदिर की खास बात यह भी मानी जाती है की मंदिर में सूर्यउदय व सूर्यास्त बहुत मनोरम होता है।
इस मंदिर को लाखों-करोड़ों पर्यटक देखने देशों विदेशियों से आते हैं।इस मंदिर में जब पर्यटक लाखों करोड़ों की संख्या में होते हैं, तो इस मंदिर में दृश्य का नजारा कुछ अलग ही होता है।यह मंदिर सबसे प्रसिद्ध स्थल माना गया है।यह मंदिर इस बात को सिद्ध करने करता है,कि भारतीयों ने जब स्वर्ण द्वीप में अनेक राज्यों की स्थापना करी थी तब उत्तरी भाग में स्थित कंबोज राज्य के बारे में राज्य का स्वास्थ्य कोटिल्य जो था, वह एक ब्राह्मण कुल का था।’अकोरबाट’ मंदिर की एक प्रतिकृति भारत में भी बनने जा रही है।
भारत में यह प्रतिकृति बनने की बात कोई हैरानी तो प्रकट नहीं करती है, क्योंकि भारत में भी इस तरह के काफी मंदिर मौजूद है, जहां पर लाखों और करोड़ों श्रद्धालु दर्शनों के लिए जरूर आते हैं।सूत्रों के अनुसार इस मंदिर का नाम अंकोरवाट राम मंदिर होगा जिसका निर्माण भारत में होने जा रहा है।इस मंदिर को भगवान राम को समर्पित किया जाएगा।