संरक्षकों ने 16 वीं शताब्दी के सब्ज़ बुर्ज, हुमायूं की मकबरे के पास मुगल स्मारक की गुंबददार छत पर एक आश्चर्यजनक खोज की है। दरअसल, वह पर रखऱखो करने वाली टीम को नील, पीले, लाल, सफ़ेद और कुछ सोने से छिपी हुई चित्रकारी मिली है।
संरक्षक भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के लिए आगा खान ट्रस्ट के तहत काम कर रहे हैं जिन्हो ने यह खोज किया। विशेषज्ञों का कहना है कि 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में यह पहली बार दिल्ली में एक स्मारक के दीवार पर चित्रों को पाया गया था।
सबज़ बुर्ज जिसको हरा टावर भी कहते हैं, जो टिमुरिड वास्तु-कला से प्रभावित और सबसे पुरानी मुगल इमारतों में से एक है। घुमावदार प्लास्टरवर्क, चमकीले सिरेमिक टाइल्स और सजावटी जाली के पत्थर के काम से समृद्ध रूप से सजाया गया है।
एक प्रमुख अधिकारी ने कहा, “20 वीं सदी में सीमेंट और लेमन-वाश वाली परतों को हटाने पर, 16 वीं शताब्दी के चित्रित सजावट के अवशेषों को गुंबददार छत खोजा गया था, जो मूल रूप से नीले, पीले, लाल, सफेद और यहां तक कि सोने के साथ पुष्प चित्रों से पूरी तरह से कवर किया गया था।”
यद्यपि, दीवार की सतहों पर चित्रों के निशान दिखाई दे रहे थे, लेकिन यह उम्मीद की जा रही थी कि छत को सामान्य उबले हुए चूने के प्लास्टर पैटर्न को सजाया गया है, लेकिन चित्रित छत की खोज हुई तो लोग चकित रह गए।
एक अधिकारी ने बतया की, “इमारत में संरचनात्मक मूवमेंट के कारण प्लास्टर्ड सतह के हिस्से भी गिर गए हैं और ऐसा लगता है कि बारिश के पानी के रिसाव के कारण चित्रकला खो गई थी और यह सुनिश्चित करने का प्रयास चल रहे हैं कि ऐसा दोबारा न हो।”
अधिकारी ने बताया कि पेंटिंग के विश्लेषण और संरक्षण के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टीम अप्पोइंट की जाएगी।