मेडिकल प्रोफेशन हर व्यक्ति के लिए कितना उपयोगी है? क्या मेडिकल प्रोफेशन के बिना व्यक्ति का स्वस्थ रहना सम्भव है? डॉक्टर, फार्मासिस्ट, और नर्सेंस हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर व्यक्ति बिमार है और बेहतर इलाज के लिए लिए उसे डॉक्टर की आवश्यकता होती है, मेडिकल प्रोफेशन में पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी अपनी जिम्मेदारीयां निभाती है। कोई महिला डॉक्टर है कोई फार्मासिस्ट तो कोई नर्स है। मेडिकल प्रोफेशन चाहे आयुर्वेदिक हो, ऐलोपेथिक हो या होम्योपैथी, हर क्षेत्र की दवाईयां अलग होती है स्वाभाविक है सभी का असर भी अलग- अलग होता है परन्तु सभी ही एक बिमार व्यक्ति के लिए लाभदायक होती है। मेडिकल प्रोफेशन एकमात्र ऐसा प्रोफेशन है जिसमें व्यक्ति को बहुत ही जिम्मेदारी से अपना काम करना होता है, क्योंकि यह प्रोफेशन एक व्यक्ति की जिंदगी से जुड़ा होता है अर्थात डॉक्टर, फार्मासिस्ट और नर्स के लिए यह सबसे जरूरी होता है वह किसी भी मरीज को गलत सलाह या दवाई न दे। आज के समय में मेडिकल क्षेत्र ने कई प्रकार से तरक्की की है व्यक्ति का बड़ा से बड़ा इलाज आज संभव है, बड़ी से बड़ी बीमारी सही होने की संभावना रहती है नये-नये मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स आ गये हैं जो बड़ी से बड़ी बीमारी के लिए लाभदायक है। मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े हर व्यक्ति का अपना महत्व होता है सभी अपनी जिम्मेदारीयां समझते हैं। आज अनेक लोग ऐसे हैं जो बिना एमबीबीएस की डिग्री के भी मरीज को देखते है परन्तु एक व्यक्ति के इलाज के लिए जरूरी है अनुभव। आज अनेक लोग एमबीबीएस है परन्तु यह नहीं है कि डिग्री मिलते ही वे मरीज का इलाज शुरू कर दे एक डॉक्टर के लिए सबसे अधिक है अनुभव। जब एक डॉक्टर अनुभवी होता है तो फार्मासिस्ट और नर्स को भी सही राह मिलती है। एक फार्मासिस्ट के लिए सबसे जरूरी होता है यह समझना कि क्या दवाई किस बिमारी के लिए है उसे अनुभव होना चाहिए हर ड्रग के फॉर्मूले का। आज भी अनेक ऐसे क्षेत्र हैं जहां डॉक्टर्स की सुविधा नहीं है जो कि जरुरी है हर बड़े छोटे क्षेत्रों में होना। आज छोटे कस्बों में कई ऐसी महिलाएं हैं जो गर्भवती होती है परन्तु उन्हें इलाज के लिए शहर जाना ही पड़ता है कई बार महिलाओं को अतिआवश्यकता होती है एक डॉक्टर की परन्तु उन्हें वह पीड़ा सहकर शहर आना पड़ता है इसलिए जरूरी है हर जगह पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होना।
डॉक्टर का महत्व:
एक डॉक्टर का हर व्यक्ति के जीवन में अहम महत्व और योगदान होता है,एक डॉक्टर के लिए सिर्फ डिग्री होना ही महत्वपूर्ण नहीं होता, उसे असल डॉक्टर बनने में सालों लगते हैं मेडिकल प्रोफेशन में सबसे ऊंचा पद एक डॉक्टर का ही होता है हर डॉक्टर को अनेक अनुभवों से गुजरना पड़ता है कोई भी मरीज हर डॉक्टर से इलाज करवाये यह जरूरी नहीं जब तक एक डॉक्टर अनुभवी नहीं होता तब तक उसकी डिग्री का महत्व नहीं। यदि डॉक्टर के महत्व की बात करें तो वह ऐसी जिम्मेदारी है कि आधी रात में भी जरूरत पड़ने पर उन्हें इलाज करना पड़ता है। विज्ञान की दृष्टि से देखें तो एकमात्र क्षेत्र डॉक्टर का ही होता है जो व्यक्ति को मौत के मुंह से बाहर निकाल देंता है, ऐसे समय में डॉक्टर उस व्यक्ति या मरीज के लिए चमत्कार के रूप में साबित होता हैं। डॉक्टर बड़ी से बड़ी बीमारी को सही करता हैं अनेक प्रकार के अॉपरेशनस करता हैं। जब एक महिला गर्भवती होती है तो सबसे अधिक उसकी जिम्मेदारी एक डॉक्टर पर ही होती है उसे यह सब ध्यान रखना होता है कि कब क्या दवाई देनी है या नहीं देना है। डॉक्टर को हर प्रकार के मरीज को देखने की जिम्मेदारी होती है किसी को केंसर होता है किसी को टी. बी. डॉक्टर बड़ी से बड़ी बीमारी को सही करने का हौंसला रखता है या यह कह सकते हैं एक मरीज की जिंदगी डॉक्टर के ही हाथ में होती है। आज के समय में जितनी तकनीकी सुविधा है बिमारीया भी उतना ही हैं अर्थात कई बिमारीया ऐसी होती हैं जिन्हें समझना मुश्किल है। आज मेडिकल क्षेत्र में हर प्रकार की सुविधा है। यदि हम आयुर्वेद और होम्योपैथिक की बात करें तो वह दवाईयां धीरे असर करती है परन्तु लाभदायक भी होती है अर्थात उनसे कोई नुकसान नहीं होता है। अक्सर व्यक्ति आयुर्वेद और होम्योपैथिक इलाज कम ही लेता है पर वह यह नहीं समझता कि हर दवाई का अपना अलग असर होता है वह भी उतना ही लाभदायक है जितनी ऐलोपेथिक।
फार्मासिस्ट का महत्व:
फार्मासिस्ट का मरीज के इलाज में अहम हिस्सा होता है, अर्थात यह कि जब भी कोई डॉक्टर दवाई लिखता है तो फार्मासिस्ट का फर्ज होता है उसे समझ कर सही दवा देना जिस प्रकार डॉक्टर के लिए उस क्षेत्र का अनुभव होना जरूरी है उसी प्रकार फार्मासिस्ट के लिए भी अनुभव जरूरी है। एक आम आदमी के लिए आसान होता है दवाई खरीदना परन्तु, उस दवाई को अपनी जिम्मेदारी पर देना सबसे महत्वपूर्ण होता है अर्थात यह कि जब डॉक्टर दवाई लिखकर देता है तो उसे समझकर और किस समय और कैसे दवाई को लेना यह फार्मासिस्ट ही बताता है। यह हर फार्मासिस्ट का अनुभव होता है कि किताबी ज्ञान के साथ यह जानना अतिआवश्यक हैं कि कौन सी दवाई किस उपयोग में आती है और कितनी मात्रा में किसे देना जरूरी है। एक डॉक्टर के बाद फार्मासिस्ट ही होता है जो किसी भी मरीज को बिमारी से संबंधित या जानकारी प्रदान करता हैं। जब एक फार्मासिस्ट अपने क्षेत्र में आगे बढता है या उसे सरकारी पद मिलता है जैसे ड्रग इंस्पेक्टर तब उसकी एक सरकारी पद पर जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। एक ड्रग इंस्पेक्टर को हर मेडिकल का निरीक्षण करना जरूरी होता है। उसे यह जानकारी रखनी होती है कि मेडिकल पर सभी दवाईयां सही रूप से है। एक फार्मासिस्ट को यह अनुभव होता है कि व्यक्ति को कौन सी ड्रग कैसे काम करेगी उसके क्या फायदे हैं और क्या नुकसान है।
नर्स का महत्व:
एक नर्सिंग होम या हास्पिटल की अधिक से अधिक जिम्मेदारी एक नर्सं पर होती है, एक नर्स डॉक्टर की अनुपस्थिति में भी एक मरीज की देखभाल कर सकती है, या किसी मरीज की समस्या को समझ सकती हैं, जब किसी मरीज को परेशानी होती है तो वह कोशिश करती हैं स्वयं ही परेशानी को दूर करने की, जब किसी डॉक्टर के पास पर्याप्त समय नहीं होता किसी मरीज को जानकारी देने का तब एक नर्स ही होती है जो एक मरीज को जानकारी देती है और सांत्वना भी देती हैं। डॉक्टर्स का भी सबसे बड़ा सहयोग होती है नर्स। हॉस्पीटल की अनेक जिम्मेदारीयां एक नर्स की ही होती है। जब एक नर्सिंग होम में कोई मरीज आता है तो उसे डॉक्टर से पहले सारी जानकारी एक नर्स को देनी होती है। अर्थात एक नर्स का भी मेडिकल प्रोफेशन में अत्यधिक महत्व है।