इस बदलते युग में हम सब की जीवन शैली, खान-पान पहले से कहीं ज्यादा बदल गई है। पहले लोग उर्जा वर्धक पदार्थ का सेवन किया करते थे। अब उसकी जगह फास्ट फूड ने ले ली है। बदलते युग में, बीमारियां भी बदल गई है। और पहले से ज्यादा जटिल हो गई है। इन्हीं में से एक बीमारी है – डायबिटीज या मधुमेह। मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो इस युग में लोगों के बीच समान्य हो गई है। दुनिया भर में भारी संख्या में लोग इस रोग से ग्रसित हैं। यह बीमारी बड़े-बूढ़ो के साथ साथ बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है।
डायबिटीज़ क्या होता है? इसके कारण क्या है?
डायबिटीज़ एक हार्मोनल डीसीज़ है। ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रण में रखने के लिए पैनक्रियाज ‘इन्सूलिन’ नाम का हार्मोन रक्त में प्रवाह करता है। जब किसी कारण वश ब्लड में शुगर की मात्रा नियंत्रित नहीं हो पाती, तब डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है। डायबिटीज़ का प्रमुख कारण है ब्लड में शुगर की मात्रा समान्य से अधिक होना। ऐसा होने के दो कारण होते हैं।
पैनक्रियाज का पर्याप्त इन्सूलिन न बना पाना:
जब पैनक्रियाज कमज़ोर या खराब हो जाता है तब वह इन्सूलिन बनाने में असमर्थ हो जाता है। इस वजह से ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त इन्सूलिन नहीं बन पाता। तब डायबिटीज होने की संभावना बढ जाती है।
कोशिकाओं का इन्सूलिन ग्रहण न कर पाना:
जब पैनक्रियाज पर्याप्त इन्सूलिन बना रही हो परंतु कोशिकाएं, बढ़ते उम्र के साथ कमज़ोर होने के कारण, इसे ग्रहण न कर पा रही हो , तब ब्लड में शुगर की मात्रा नियंत्रित नहीं हो पाती।
डायबिटीज़ होने के मुख कारण है अस्त व्यस्त जीवन शैली, गलत खान-पान, मोटापा, कसरत न करना, और बढ़ती उम्र।
डायबिटीज़ के लक्षण
समान्य तौर पर डायबिटीज़ के कोई विशिष्ट लक्षण नहीं है। परंतु फिर भी इसके कुछ समान्य लक्षण है। जैसे कि – अधिक प्यास लगना, बार बार पेशाब आना, थकावट होना, आंखों की दृष्टि कमज़ोर होना इत्यादि।
डायबिटीज़ को कंट्रोल में रखने के तरीके
डायबिटीज़ को कंट्रोल करने के लिए ब्लड शुगर को कम रखना होता है। इसके लिए जीवन शैली, और खान-पान में सुधार करना होता है। खाद्य पदार्थ जिनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है उनका परिहेज करने से, रोज़ाना सैर करने से, नियमित रूप से ब्लड टेस्ट कराने से, और डाक्टर की सलाह मानने से डायबिटीज़ को कंट्रोल में रखा जा सकता है। ब्लड में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करने के लिए डायबिटीक पेशंट अक्सर इन्सूलिन के इन्जेकशन भी लेते हैं।
इसके अलावा ब्लड शुगर कम रखने के कुछ प्राकृतिक तरीके भी है, जैसे:-
तुलसी की पत्तियों का सेवन करना:
तुलसी की पत्तियां हमेशा से ही हर बीमारी के लिए जड़ी-बूटी साबित हुई है। तुलसी की पत्तियों में एंटी- आक्सीडेंट पाए जाते है। इसके सेवन से पैनक्रियाज सक्रिय हो जाते हैं और इन्सूलिन का प्रवाह बढ़ जाता है। इस लिए तुलसी की पत्तियां ब्लड शुगर कम रखने में सहायक होती है।
ग्रीन टी का सेवन करना:
ग्रीन टी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत कम होती है। जिससे यह डायबिटीक पेशंट के लिए ‘फिट टू ड्रिंक’ साबित होता है। ग्रीन टी में पालीफिनाल पाया जाता है जो इन्सूलिन के प्रवाह को सक्रिय कर देता है। इस लिए इसके सेवन से ब्लड शुगर कम रहता है।
करेले के जूस का सेवन करना:
करेला कड़वा होने के कारण शरीर के अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम कर देता है। इस लिए इसके सेवन से ब्लड में शुगर की मात्रा कम हो जाती है। डायबिटीक पेशंट के लिए करेले का जूस का सेवन करना डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है।
दाल चीनी के चूर्ण का सेवन करना:
दाल चीनी भारतीय रसोई का एक प्रमुख मसाला है। इसका सेवन हमें कई तरह की बिमारियों से दूर रखता है। दाल चीनी का चूर्ण डायबिटीज़ को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है। दाल चीनी के चूर्ण का सेवन हल्के गुनगुने पानी के साथ लेने से ब्लड में शुगर की मात्रा को कम किया जा सकता है।
जामुन के बीजों के चूर्ण का सेवन करना:
जामुन के बीज डायबिटीज़ को नियंत्रण में रखने के लिए बहुत ही कारगर इलाज है। जामुन के बीजों का चूर्ण बनाकर हल्के गुनगुने पानी के साथ लेने से ब्लड में शुगर की मात्रा को कम किया जा सकता है।
आज कल बच्चे भी डायबिटीज़ से ग्रसित हो जाते हैं। इसका कारण उनका एक ही जगह पर बैठे बैठे पूरा दिन गुज़ार देना है। आज कल के बच्चे खेल कूद करने के बजाए कम्प्यूटर और मोबाइल गेम्स खेलना पसंद करते हैं। वे कसरत भी नहीं करते जिससे उनका मोटापा बढ़ता जाता है और वे धीरे धीरे डायबिटीज से ग्रसित होते जाते हैं।
कहा जाता है कि एक बार डायबिटीज़ हो जाने पर उसका कोई इलाज नहीं होता। फिर डायबिटीज को पूरी ज़िन्दगी झेलना पड़ता है। एक तरह से डायबिटीज़ आयु को 50% तक कम कर देता है, अगर खान-पान में सुधार और परहेज न किया जाए तो।
परंतु सही उपायों को अपनाकर, सुधरी जीवन शैली अपनाकर, व्यायाम या योग करके डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है और जीवन को भर पूर जिया जा सकता है।