भारत के हर बच्चे की स्कूलिंग दस-वीं तक सीधी और सपाट होती हैं।फिर आता है कक्षा ग्यारवी जिसमे उसे अपने जीवन का महत्त्वपूर्ण निर्णय लेना होता है। उसे अपने जीवन को एक दिशा, एक मोड़ देने के लिए एक विषय चुनना होता है। विज्ञान, गणित, जीवविज्ञान, कॉमर्स और आर्ट्स स्ट्रीम से विषयों की सूचि बनती हैं।
हर स्ट्रीम का अपना एक महत्व है। इन्ही में से एक स्ट्रीम है आर्ट्स, आर्ट्स में भी अनेकों विषय है जैसे की ह्यूमैनिटीज, इतिहास, लॉ, पेंटिंग, ड्राइंग, म्यूजिक, डांस, ड्रामा, लिटरेचर, पोएट्री, नोवेल और भूगोल इत्यादि।
आइये देखते हैं कि आर्ट्स स्ट्रीम में ऐसे कौन-कौन से करियर विकल्प हैं जिन्हें आप अपना सकते हैं:-
1. आर्ट्स में बैचलर डिग्री करना
बीए जिसे बैचलर्स डिग्री इन आर्ट्स कहा जाता हैं। भारत के आर्ट्स स्टूडेंट्स के बीच प्रख्यात हैं। आर्ट्स में कई विषय है, और हर एक विषय में बैचलर डिग्री हासिल कर, उस विषय में एक्सपर्ट बना जा सकता है। इस डिग्री को हासिल करने के बाद अनेकों अवसर मिलते हैं जिनमें अपनी काबिलियत को परखा जा सकता हैं। आर्ट्स स्ट्रीम में बैचलर डिग्री हासिल करने के कुछ विषय है: इतिहास, भूगोल, ह्यूमैनिटीज, पोएट्री, पॉलिटिकल साइंस, लिटरेचर, इत्यादि।
2. आर्ट्स के साथ टेक्निकल डिग्री करना
आर्ट्स में भी कई ऐसे विषय है जिनसे टेक्निकल डोमेन मे प्रवेश किया जा सकता हैं। टेक्नोलॉजी सिर्फ साइंस स्ट्रीम तक ही सीमित नहीं हैं। इसे हर वो व्यक्ति अपना सकता हैं जिसे इसमें रुचि हो। टेक्नोलॉजी जैसे कि कंप्यूटर और आर्किटेक्चर में प्रवेश के लिए कुछ आर्ट्स के विषय: BCA (बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन) B.Arch. (बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर) इत्यादि।
3. वकालत की पढ़ाई (LL.B.)
आर्ट्स स्ट्रीम के विद्यार्थी जिन्हें वकालत की तरफ रुचि हैं। वे अपने सामर्थ को आर्ट्स के साथ वकालत में भी आज़मा सकते हैं। एल एल बी का कोर्स करके लॉयर बना जा सकता हैं। आर्ट्स के विषय बाकी स्ट्रीम के मुकाबले कम जटिल होने के कारण आर्ट्स विद्यार्थियों के लिए वकालत की पढ़ाई करना सहज है।
4. मैनेजमेंट की पढ़ाई
मैनेजमेंट का विषय आज बहुत ही जोर और शोर से प्रचलित हो रहा हैं। हर कोई चाहे वो किसी भी स्ट्रीम से हो, मैनेजमेंट को अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। आर्ट्स स्ट्रीम के विद्यार्थी भी इसे अपना करियर बना सकते है। मैनेजमेंट की पढ़ाई करके आर्ट्स स्ट्रीम के विद्यार्थी मैनेजर बन सकते हैं मैनेजमैंट स्ट्रीम में एम.बी.ए करने के बाद प्रवेश किया जा सकता हैं।
एम. बी. ए करने के कुछ विषय है –
- बी. बी. ए (BBA) बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
- बी. एम. एस (BSS) बैचलर ऑफ मैनेजमैंट स्टडीज
- बी. एच. एम (BHM) बैचलर ऑफ होटल मैनेजमैंट,
- डिप्लोमा इन रिटेल मैनेजमैंट इत्यादि।
एम. बी. ए करने के बाद ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, फाइनेंस, मार्केटिंग, और ऐसी कई क्षेत्रोंत्रो में करियर के मौके मिल सकते हैं।
5. फैशन डिजाइनिंग का क्षेत्र
आर्ट्स विद्यार्थियों के लिए डिजाइनिंग का क्षेत्र ढेरों अवसरों से भरा है। आर्ट्स के विद्यार्थी जो विजुअल आर्ट्स स्ट्रीम में रुचि रखते हैं, उनके लिए फैशन डिजाइनिंग का क्षेत्र सर्वश्रेष्ठ है।
फैशन डिजाइनिंग के कुछ विषय है:
- बैचलर ऑफ टैक्सटाइल डिजाइन
- बैचलर ऑफ एक्सेसरी डिजाइन
- बैचलर ऑफ फैशन कम्युनिकेशन
- बैचलर ऑफ इंटीरियर डिजाइनिंग
- फर्नीचर एंड इंटीरियर डिजाइन कोर्स
- बैचलर ऑफ लेदर डिज़ाइन
- बैचलर ऑफ फैशन डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी, इत्यादि।
6. परफॉर्मिंग आर्ट्स का क्षेत्र
आर्ट्स स्ट्रीम के विद्यार्थी अपने काबिलियत को परफॉर्मिंग आर्ट्स में भी परख सकते हैं। ड्रामा, म्यूजिक, डांसिंग, एक्टिंग, और सिनेमा में रुचि रखने वाले विद्यार्थी अपना करियर परफॉर्मिंग आर्ट्स में बना सकते है।
परफॉर्मिंग आर्ट्स के कुछ विषय है:-
- बी. पी. ए – बैचलर इन परफॉर्मिंग आर्ट्स,
- सर्टिफिकेट इन एक्टिंग,
- डिप्लोमा इन डांस,
- डिप्लोमा इन स्क्रिप्ट राइटिंग इत्यादि।
7. डाटा साइंटिस्ट बनना।
आर्ट्स स्ट्रीम के विद्यार्थी डाटा साइंस में अपने काबिलियत को परख सकते हैं। डिप्लोमा इन डाटा साइंस का कोर्स करके किसी भी उद्योग में डाटा साइंटिस्ट के रूप मे काम किया जा सकता हैं। डाटा साइंस का क्षेत्र भी आर्ट्स स्ट्रीम के विद्यार्थियों के लिए बहुत ही अच्छा करियर विकल्प बन सकता हैं।
8. शिक्षक की उपाधि।
बहुत सारे लोग अपना आखिरी करियर विकल्प शिक्षक बनना रखते हैं। परंतु इसे अपना पहला करियर विकल्प भी बनाया जा सकता हैं। आखिर जो ज्ञान अर्जित किया है उसे दूसरों में बाटने से ज्यादा अच्छा क्या हो सकता हैं। इसके साथ साथ शिक्षा विभाग में टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन क्लासेज आ जाने से शिक्षक का काम सरल और सहज हो गया है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे अनअकैडेमी, वेदांतु, और यूट्यूब टीचिंग प्लेटफार्म से शिक्षक का वेतन भी पहले से कई ज्यादा हो गई है।
आर्ट्स स्ट्रीम के विद्यार्थी टीचिंग को भी अपना करियर बना सकते हैं।
9. सिविल सर्विस का क्षेत्र।
आर्ट्स स्ट्रीम के विषय ही कुछ ऐसे हैं, जो कि सिविल सर्विस के लिए मदद करे। सिविल सर्विसेज के लिए यू. पी. एस.सी के परीक्षा में उत्तीर्ण होना होता हैं। इस परिक्षा के विषय मुख्तः आर्ट्स स्ट्रीम से होते हैं। इस वजह से आर्ट्स स्ट्रीम के विद्यार्थियों के लिए सिविल सर्विस के क्षेत्र में जाना औरों के मुकाबले सहज है।
आर्ट्स स्ट्रीम के विद्यार्थी यू. पी. एस. सी के परिक्षा में उत्तीर्ण होकर आई. पी. एस, आई. ए. एस, इत्यादि के उपाधि को अपना करियर विकल्प चुन सकते हैं।
10. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर अपना करियर बनाना।
आज हर एक प्लेटफार्म के ऑनलाइन मोड में आ जाने से ऑनलाइन करियर विकल्प के ढेरों अवसर बन चुके हैं। अगर आपके पास लोगो को प्रभावित करने के लिए सही कंटेंट हैं तो आप इसे अपना करियर बना सकते हैं।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे कि ब्लॉगिंग, डिजिटल मार्केटिंग और यूट्यूब पर अपने कंटेंट से लोगों तक पहुंचा जा सकता हैं। इस दिशा में भी अपना करियर बनाया जा सकता हैं।
भारतीय लोगों के बीच यह गलत धारणा है कि जो बच्चे मंद बुद्धि के होते है वहीं आर्ट्स स्ट्रीम को चुनते हैं। जबकि आर्ट्स स्ट्रीम के विषयो के लिए भी सामान्यतः परिश्रम करना होता है। इस स्ट्रीम के बच्चे भी अत्यंत समझदार और होनहार होते हैं।
आर्ट्स स्ट्रीम से पढ़ाई के बाद मैनेजमैंट, लॉयर, शिक्षक, म्यूजिशियन, डांसर, आर्टिस्ट, नेता, अभिनेता, व्यापारी, आर्कियोलॉजिस्ट, डाटा साइंटिस्ट, आई. ए. एस, आई. पी. एस, डिफेंस मे अपना करियर बनाया जा सकता है।