आज पूरी दुनिया, एक अनचाहे महामारी से जूझ रही है। जिसे कहते है कोविड-19, यह बीमारी कब लोगो के बीच आई और कब महामारी का रूप ले लिया, यह पता ही नही चला। देश दुनिया में हवा की गति से इसने अपने पैर पसारे।
आइए जानते हैं, क्या हैं कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस मुख्यतः वायरसेस का समूह है जो मनुष्य को साधारण बुखार, गले में खराश, से लेकर मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम तक बीमार कर सकता है।
कोविड 19 होने के लक्षण:
कोविड 19 होने पर सामान्यतः मनुष्य में बुखार, सूखी खांसी, थकान होना, शरीर में दर्द, गले में खराश, डायरिया, कंजक्टिविटी, सांस लेने में दिक्कत, सिर दर्द इत्यादि लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
इस वायरस से बचने के लिए मुख्यतः कुछ बातों का ख्याल रखें:
- समय समय पर अपने हाथों को साबुन या सैनिटाइजर से साफ करते रहे।
- दूसरों से दो गज की दूरी बनाए रखें।
- मास्क लगाना कभी न भूलें।
- अपनी आंखों, नाक और मुंह को बार बार न छुएं।
- छींकते या खांसते समय, मुंह और नाक को टिश्यू या रुमाल से ढके। इस्तेमाल के बाद रूमाल को अच्छे से साफ करें और टिश्यू को कूड़ेदान में डिस्पोज कर दे।
- अगर तबीयत नाजुक लगे तो घर पर ही रहे।
- अगर बुखार, खांसी, कफ या साँस लेने में परेशानी हो तो डॉक्टर की सलाह ले।
कोरोना वायरस से बचने के लिए अब हमारे सामने वैक्सीनेशन का भी एक ऑप्शन उपलब्ध है। भारत में अब कोविड 19 की दूसरी लहर देखने को मिल रही है। ऐसे में भारत सरकार ने वैक्सीनेशन की रफ्तार को तेज कर दिया है।
क्या होता है वैक्सीन?
वैक्सीन प्रयोगशाला में तैयार की गई डोज होती है जिसका मुख्य कार्य हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करना होता है। जिस भी वायरस के खिलाफ वैक्सीन बनाई जाती है उसमें उस वायरस के कमजोर कणों का इस्तेमाल किया जाता है। शरीर के अंदर जाकर यह वैक्सीन हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर वायरस कणों से लड़ने के लिए उकसाता है। इस प्रक्रिया में बुखार आना, थकान होना, जैसी बातें आम रहती है। जब हमारा शरीर वायरस को हराने में सफल हो जाता है तब शरीर में उस वायरस के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। इस प्रकार से वैक्सीन वायरस को हराने में कारगर साबित होता है।
भारत में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को चलाने के लिए अब तक दो वैक्सीन को मंजूरी दी गई है।
कोवेक्सिन और वोवाशील्ड:
दोनों ही वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट्स है जो कि सामान्य रूप से लोगों में देखने को मिल रहे हैं।
कोविड वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट्स:-
बदन दर्द:
अब तक लगभग सभी को यह साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ा है जिन्होंने वैक्सीन के शॉट्स लगवाए है। सलाहकारों के अनुसार वैक्सीनेशन के बाद बदन दर्द होने के बावजूद भी किसी भी तरह का पेन किलर न ले। वैक्सीन जब तक शरीर में काम करेगा तब तक थोड़ा सा बदन दर्द होगा, उसके बाद यह अपने आप ही ठीक हो जायेगा।
बुखार आना:
हालांकि किसी भी वायरस के वैक्सीनेशन के बाद बुखार आना आम बात है। परंतु कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन के बाद लोगों में बहुत ही तेज बुखार होने के किस्से सामने आए हैं। जानकारों के अनुसार इस स्थिति में पैरासिटामोल लेना लाभकारी रहेगा।
कपकपी होना:
100 डिग्री या इससे ज्यादा के बुखार के साथ साथ लोगों में तेज कंपकंपी होना भी एक साइड इफेक्ट है जो वैक्सीनेशन के बाद लोगों में देखने को मिल रहे हैं।
थकावट होना:
वैक्सीनेशन के बाद लोगों में अत्यंत थकावट होने की बातें सामने आ रही है। यह बात सभी कोरोना सर्वाइवर्स में आम है। शरीर वायरस से लड़ते लड़ते थक जाता है इसलिए ऐसा देखने को मिलता है।
इंजेक्शन के जगह पर दर्द होना:
इंजेक्शन के जगह पर दर्द होना कोई गंभीर बात नहीं है। इंजेक्शन के जगह पर आइस क्यूब या ठंडे पानी से सिकाई करने से आराम मिल सकता है। परंतु अगर दर्द सहनशीलता से परे हो तो डॉक्टर की सलाह ले। किसी भी स्थिति में पेन किलर न ले।
रैशेज या चकत्ते पड़ना:
कई केसेस में वैक्सीनेशन के बाद लोगो को चर्म रोग का सामना करना पड़ रहा है। चर्म रोग जैसे कि चकत्ते या रैशेज देखने को मिल सकते है। यह ज्यादातर उन लोगों में आम है जिन्हें पहले से ही किसी प्रकार की एलर्जी हो। ऐसे में इसे नजरअंदाज न करे और डॉक्टर की सलाह ले।
ब्लड या प्लाज्मा क्लोटिंग:
वैक्सीनेशन के बाद ब्लड या प्लाज्मा क्लॉटिंग जैसे साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रही है। ब्लड क्लॉट होने से व्यक्ति की तुरंत ही मृत्यु हो जाती है। वैक्सीनेशन से ऐसा होने की संभावना लाख मे से एक है। हालांकि ऐसे केसेस अब तक विदेशों में ही देखने को मिली है। भारत में अब तक एक भी ऐसे केस सामने नहीं आए हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, वैक्सीन पूर्णतः प्रभावी है और इनके ये कुछ साइड इफेक्ट्स, कुछ ही दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। इसलिए अगर विशेषज्ञों की मानें तो वैक्सीनेशन से हमें डरना नहीं चाहिए। और भी कई शोधों से यह सामने आया है कि वैक्सीन कोरोना वायरस से शील्ड नहीं करेगा पर आपके मरने के चांसेस को कम कर देगा। इसका मतलब यह है कि वैक्सीन के शॉट्स ले चुके व्यक्ति के वायरस के फिर चपेट में आ जाने की संभावना है पर वायरस से मरने की नहीं।
भारत में 1 मई से 18 के ऊपर वालों को भी वैक्सीन देने की मंजूरी मिल गई है। इसके साथ साथ वैक्सीनेशन के बाद कुछ और बातों का ख्याल रखें। जैसे कि ज्यादा कसरत करने से बचे, अच्छी नींद लें, पौष्टिक भोजन ले, बुखार आने पर पेरासिटामोल ले। सांस लेने में परेशानी आए या फिर कोई अन्य परेशानी आए तो उसे नजरअंदाज न करे और तुरंत डॉक्टर की सलाह ले।