आज पूरी दुनिया एक ऐसी महामारी से जूझ रही है जिसका इलाज अब तक किसी के पास नहीं, सिर्फ एक ऐसा विकल्प बचा है जो आज भारत देश को बचा सकता है और वो है हम सबका अपने घर में रहना, 19 मार्च 2020 रात 8 बजे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया उनका संबोधन कोरोना वायरस को लेकर था उन्होंने देश वासिओ से 22 मार्च के दिन जनता कर्फ्यू लगाने की अपील की, उन्होंने कहा कि इस माहामारी से लड़ने के लिए जनता का सहयोग बहुत जरूरी है।
जनता कर्फ्यू रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक रखा गया, पीएम मोदी का कहना था कि इससे पता चलेगा कि हम कोरोना माहामारी जैसे बड़े संकट से निपटने के लिए कितने तैयार है, भारत के कई राज्यों में देशवासिओं की एकता नज़र भी आई और तक़रीबन सभी राज्य कर्फ्यू का पालन करते हुए भी नज़र आए, लेकिन वहीं कुछ राज्यों में लोग जनता कर्फ्यू का पालन न करते हुए भी नज़र आये और इसीलिए 26 मार्च को पीएम ने एक और बड़ा फैसला लिया जिसमे ये कहा गया कि अगले 21 दिन तक पुरे भारत देश में लॉकडाउन रहेगा, यहाँ ये जानना जरूरी है कि जनता कर्फ्यू आम तौर पर लगने वाले कर्फ्यू से बेहद अलग था, दरअसल पीएम के मुताबिक जनता कर्फ्यू जनता के द्वारा लगाया गया कर्फ्यू होगा यानि के हमे खुद खुदपे बाहर जाने की पाबंदी लगानी होगी, लेकिन अब पुरे भारत देश में सरकार की और से लॉकडाउन रहेगा, आखिर कैसे 21 दिन के इस लॉकडाउन के फैसलें से हम भारत देश को कोरोना वायरस से बचा सकते है?
किस मायने में है अहम?
- 21 दिन के इस लॉकडाउन की अपील काफी मायनों में बहुत अहम मानी जा रही है, पहला यह कि इससे बाहर फैले कवीड-19 के वायरस कमज़ोर हो सकते हैं, सोशल मीडिया पर इन दिनों ये संदेश बहुत जोरो-शोरो से वायरल हो रहा है कि 12 घंटे में वायरस खत्म हो जाता है और ये लॉकडाउन 21 का होगा जिससे हम इसकी चेन तोड़ सकते है जिससे कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा कम किया जा सकता है, हालांकि विशेषतज्ञ इस तरह का कोई दावा नहीं करते।
- दूसरा मायना यह है कि ये लॉकडाउन से हम आने वाले कठिन दिनों की तैयारी कर सकते है, हम देख सकते है कि किस तरह से लोगों के बिच जागरूगता फैलती है क्यूंकि इटली भी शुरुआती तौर पर वही गलतिया कर रहा था जो आज भारत देश कर रहा है, इसीलिए भारत के निवासी इस बीमारी की घंभीरता को समझे और इस बीमारी से बचने की वो तमाम कोशिश करे इसीलिए पुरे भारत में 21 दिन का लॉकडाउन करार दिया गया है।
- कोरोना वायरस एक श्वाश संबंधी बीमारी है जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई भी व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के या उसकी छींक से निकलने वाले पदार्थ के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं और इन्ही कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं।
- संक्रमित व्यक्ति के अगर को नज़दीक जाये तो ये विषाणुयुक्त कण साँस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर जाते जाते हैं, अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं जहां ये कण गिरे हों और आप उन्हीं हाथों से अपनी आंख, नाक या मुँह को छुएंगे तो ये कण आपके शरीर में पहुंचने में बिलकुल देरी नहीं लगाएंगे इसीलिए ये बार-बार कहा जा रहा है कि समय समय में हाथों को अच्छे से धोए और घरों से बाहर न निकले।
कोरोना वायरस किसी सतह पर कुछ घंटे से लेकर कुछ दिनों तक रहता है:-
- 20 डिग्री तापमान में स्टील की परत पर कोरोना वायरस दो दिनों तक टिका रह सकता है, आपको बता दें कि बस या मेट्रो के दरवाजों के हैंडल स्टील के ही बने रहते है ऐसे में अगर कोई व्यक्ति जिसे कोरोना वायरस हो वो ट्रेवल करे तो वो अपने साथ-साथ उन सभी लोगों को कोरोना का शिकार बना सकता है जो उन बस या मेट्रो के हैंडल को छुएंगे
- 20 डिग्री तापमान में शीशे या लकड़ी की सतह पर कोरोना वायरस चार दिन तक रह सकता है
- 20 डिग्री तापमान पर ही ठोस धातु, प्लास्टिक या मिट्टी के बर्तनों की सतह पर ये तकरीबन पांच दिन तक ज़िंदा रह सकता हैं
- इसके साथ-साथ कोरोना वायरस रबर की सतह पर 8 घंटे तक रह सकता है
किसी भी सतह पर अगर वायरस मौजूद है तो वो आसानी से किसी भी व्यक्ति में फैल सकता है, इसीलिए बार-बार सभी सरकारे, और स्वास्थ मत्रालय लगातार सबसे अपने-अपने घरों में रहने की अपील कर रहे है, आज सभी देशवासिओ को ये समझने की आव्यशकता है कि अगर वो नियमों का पालन नहीं करेंगे तो वो अपनी जान के साथ-साथ अपने परिवार की जान को भी जोखिम में दाल रहे हैं इसीलिए सवस्थ रहे, अपने-अपने घरों में रहे।