अक्सर जब हम एक नई बाइक या स्कूटी या कार या किसी अन्य प्रकार का वाहन खरीदते हैं तो हमारे मन में यह प्रश्न होता है क्या हमारे इस नए वाहन के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है या नहीं? आज हम इस लेख में जानेंगे कि क्या आपके नए वाहन के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य है या नहीं यदि है तो क्यों यदि नहीं है तो क्यों नहीं है।
यदि आपके पास एक नई बाइक या कार जिसे आप ने हाल में ही खरीदा है और सोच रहे हैं कि क्या आपके नई बाइक या स्कूटी या कार के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट अर्थात (Pollution under Control या PUC ) सर्टिफिकेट की आवश्यकता है या नहीं? अधिकांश लोग ऐसा सोचते हैं की उनके नई बाइक या कार या स्कूटी के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होगी या होती है जोकि सरासर गलत है। तथा मोटर व्हीकल एक्ट 1988 का उल्लंघन है जिसके लिए आप को फाइन भरना पड़ सकता है भले ही आप ने नई बाइक या स्कूटी या कार लिया हो।
सर्वप्रथम भारत में वर्तमान में दो प्रकार के वाहन उपलब्ध है जिन्हें हमने BS4 और BS6 की श्रेणी में रखा है; भारत सरकार के मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के अनुसार आपके पास बैध पीयूसी सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है। किंतु अभी अगर आपने हाल में ही कोई वाहन लिया है और वाहन आर.ओ.सी सर्टिफिकेट (ROC Certificate) और रजिस्ट्रेशन प्लेट (Registration number) नहीं मिला है, तो इस परिस्थिति में आप पीयूसी सर्टिफिकेट हासिल नहीं कर सकते और इस परिस्थिति में आपके पास पीयूसी सर्टिफिकेट होना अनिवार्य नहीं है, क्यों की जब तक आपको आपके वाहन का पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता तब तक आप PUC सर्टिफिकेट के लिए आवेदन नहीं कर सकते या PUC सर्टिफिकेट जारी नहीं करवा सकते।
भारत के अधिकांश प्रांतों तथा राज्यों में खासकर ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश लोगों के पास पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होता और ना ही वह कभी पीयूसी सर्टिफिकेट लेते हैं क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में पीयूसी सर्टिफिकेट आवेदन के लिए कोई संगठन या पीयूसी रजिस्ट्रेशन या पंजीकरण केंद्र दुर्लभ ही उपलब्ध होता है।
जबकि यदि हम महानगर अर्थात मेट्रोपॉलिटन जगहों की बात करें जहां पर वाहन एवं कानून का पालन अधिकांश रूप से सुचारित होता है ऐसी जगहों पर आपके पास पीयूसी सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है अन्यथा भारत सरकार के मोटर वही कल एक्ट 1988 के अनुसार आपको कम से कम ₹2000 तक का चालान किया जा सकता है।
कैसे करें पीयूसी सर्टिफिकेट हासिल या रजिस्ट्रेशन?
पीयूसी सर्टिफिकेट ऑनलाइन अप्लाई करने की सुविधा तत्कालीन समय में उपलब्ध नहीं है। यदि आप पीयूसी सर्टिफिकेट अपने वाहन के लिए लेना चाहते हैं, तो आप किसी भी सर्टिफाइड पीयूसी केंद्र से आप अपने वाहन के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट हासिल कर सकते हैं। अधिकार पीयूसी केंद्र आपको पेट्रोल पंप तथा डीजल पंप एवं सीएनजी पंप पर मिल जाएंगे।
PUC सर्टिफिकेट बनवाने में कितना खर्चा आता है?
आज की तारीख में, आपके राज्य और पीयूसी पंजीकरण केंद्र के आधार पर पीयूसी पंजीकरण की लागत 50 रुपये से 200 रुपये तक हो सकती है। पीयूसी पंजीकरण केंद्र पर आपके वाहन की एक डिवाइस का उपयोग करके जांच की जाएगी जो आपके वाहन से निकलने वाले कार्बन और अन्य गैसों के स्तर को दर्शाता है। किसी मामले में, आपके वाहन को पीयूसी प्रमाणपत्र जारी करने से पहले सेवा की आवश्यकता हो सकती है यदि पीयूसी स्तर परिभाषित स्तर से ऊपर है।
पीयूसी सर्टिफिकेट कितने समय के लिए वैलिड होता है?
पूरे भारत में, एक पीयूसी प्रमाणपत्र पंजीकरण की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए वैध माना जाता है। हालांकि, आप प्रमाण पत्र में और यहां तक कि ऑनलाइन भी अपने पीयूसी प्रमाणपत्र की समाप्ति और जारी होने की तारीख की जांच कर सकते हैं।
पीयूसी सर्टिफिकेट ऑनलाइन कैसे डाउनलोड करें
आप पीयूसी सर्टिफिकेट भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट परिवहन (https://puc.parivahan.gov.in/puc/) के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं तथा अपने पीयूसी सर्टिफिकेट की स्थिति भी जान सकते हैं।
भारतीय वाहन स्क्रैपेज नीति 2021
तत्कालीन भारतीय कानून “भारतीय वाहन स्क्रैपेज नीति 2021” के अनुसार डीजल आधारित वाहन का जीवनकाल 10 वर्ष है तथा पेट्रोल और सीएनजी आधारित वाहन का जीवन काल 15 वर्ष है वही यदि हम इलेक्ट्रिक वाहन की बात करें तो इस पर यह कानून लागू नहीं होता है। साधारण शब्दों में यदि बात करें तो यदि आपके पास एक डीजल आधारित वाहन है तो उसे आप 10 वर्षों से अधिक समय के लिए उपयोग में नहीं कर सकते और यदि आपके पास एक सीएनजी या पेट्रोल आधारित वाहन है तो उसको आप 15 वर्षों से अधिक में उपयोग नहीं कर सकते यदि आप ऐसा करते हैं तो भारतीय वाहन स्क्रेपेज नीति 2021 के अनुसार आपका वाहन को जब्त कर लिया जाएगा, जुर्माना लगाया जाएगा या दोनों।
भारतीय स्क्रेपेज नीति 2021 के अनुसार ऐसे किसी वाहन को पीयूसी अर्थात पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट जारी करना दंडनीय अपराध है जिसकी समय सीमा खत्म हो चुकी है, जैसा कि हमने बताया की भारतीय स्क्रेपेज नीति 2021 के अनुसार एक डीजल आधारित वाहन का समय 10 वर्ष है वही सीएनजी तथा पेट्रोल पर आधारित वाहन का समय 15 वर्ष है।