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कैसे बनायें योजना और परिश्रम से लेकर सफलता का मार्ग

लेखक: सलोनी सेठिया
Diligence Success Planning Diligence Success Planning

हर व्यक्ति अपने जीवन में ऊंचाइयों को छूना चाहता है पर क्या मंजिल पाना आसान है? सफलता खुद चलकर आपके पास नहीं आती है स्वयं आपको कड़ी मेहनत से उसे हासिल करना होता है। उसके लिए जरूरी है लक्ष्य बनाकर उसे पाने की योजना बनाना सपने तो सब ही देखते अरमान सभी के होते हैं पर सफलता की सीढ़ियों को तय करते- करते अनेक व्यक्ति हौंसले तोड़ देते हैं क्यूँ? मंजिल की चाह रखना आसान है पर उस तक पहुंचने के लिए हौंसले की नींव मजबूत होना जरूरी है।

लक्ष्य

सफलता के मार्ग पर जाने के लिए एक लक्ष्य तय करना जरूरी है हर व्यक्ति का एक लक्ष्य होना जरूरी है उसे अपने को हासिल करने के लिए लिए योजना बनाना जरूरी है अनेक व्यक्ति अपने सपने पाने की चाह रखते हैं पर कुछ व्यक्ति अपना लक्ष्य निर्धारित नहीं करते हैं अगर व्यक्ति अपना लक्ष्य कायम कर ले और अपनी योजना बना ले तब वह सफलता के मार्ग को पा लेता है आज अनेक व्यक्ति डॉक्टर हैं, कलेक्टर हैं, इंजीनियर हैं कोई साइंटिस्ट है आज वह अपने सफलता के मुकाम पर है क्योंकि उन्होंने अपने लक्ष्य को निर्धारित किया।

आत्मविश्वास

आत्मविश्वास पराजय को भी विजय बना देता है हर मुश्किल घड़ी से गुजरने की शक्ति देता है सपने देखना और उन सपनों को पाने के लिए उस रास्ते पर चल देना आसान है पर मंजिल आसानी से हासिल नहीं होती कई मुश्किलें सामने आती है जब व्यक्ति अपनी मंजिल की ओर निकल पड़ता है तो स्वयं ही उसे अपना मार्ग बनाना पड़ता है यदि वह पीछे मुड़कर देखे भी तो सिर्फ परछाई ही उसके साथ होती है यदि सफलता का ताज पहनना हैं तो सफर अकेले ही तय करना होगा, उस सफर में व्यक्ति अनेक बार गिरता है गिरकर उठता है क्योंकि उसका आत्मविश्वास उसे रुकने नहीं देता, और उसे अपना भविष्य सपनों से संजोकर सच होता दिखाई देता है। जो व्यक्ति आत्मविश्वास कायम रखता है अपने हौंसले बुलंद रखता है वह कभी पराजित नहीं होता क्योंकि आत्मविश्वास ही उसे निरंतर प्रयासों के लिए प्रेरित करता हैं।

सपनों को बुनना

काल्पनिक भविष्य से उपर उठकर व्यक्ति को सपने बुनना सिखना चाहिए, मुश्किलों से लड़कर मंजिल की ओर कदम बढ़ाना चाहिए सपनों को जन्म देना बहुत आसान है पर उन सपनों को पूरा करने के लिए परिश्रम जरूरी है। अपने सपनों को धीरे-धीरे बुने और अपने मन में धैर्य का बांध बांधकर उपलब्धियां हासिल करे, छोटी – छोटी उपलब्धि व्यक्ति में अहंकार पैदा कर देती है और वही से उसके प्रयासों का अंत शुरू हो जाता है पर प्रत्येक व्यक्ति को ज्ञात होना चाहिए कि मामूली उपलब्धि उसका सपना नहीं है। सफलता सब्र का इम्तिहान खामोशी से लेती है पर जब हासिल होती है तो उसके ढोल जोर से पीटती हैं वहीं सफलता हासिल कर व्यक्ति नया जन्म देता है अपने बुलंद हौंसले का अपने नये व्यक्तित्व का। जब व्यक्ति मंजिल पाने की ठान ले तो वह हर तरह से खुद को साबित करता हैं बस उसे यह ध्यान होना चाहिए सफर शुरू हुआ है अंत मुश्किलों का करना है सफर का नहीं उसकी निगाहें मंजिल पर होना चाहिए और कदम बढ़ाकर मंजिल की ओर बढ़ना चाहिए।

परिश्रम ही सफलता का मार्ग

जो व्यक्ति को अपनी राह चलते रहता है अपनी मंजिल की ओर कदम बढ़ाते रहता है मुसीबतों से लड़कर अपने मन में धैर्य रखता है, रब पर विश्वास रखता है वह कभी पराजित नहीं होता है। सपने पाने की चाह व्यक्ति को हर चुनौती का सामना करवाती है अनेक बार उसे गिरने की वजह मिलती है परंतु व्यक्ति का परिश्रम ही उसे सफलता के मार्ग पर ले जाता है कई बार वह अपने हौंसले तोड़ देता है पर मंजिल पाने की चाह उसके हौंसले और भी मजबूत कर देती है। आसानी से कोई भी चीज हासिल नहीं होती है यह अहसास हर व्यक्ति के मन में होना चाहिए, जब व्यक्ति कठोर परिश्रम से सफलता हासिल कर लेता है तो वह मार्ग में आने वाली सभी मुश्किलों को भूल जाता है जब व्यक्ति कठोर मेंहनत करता हैं अपने हौंसले बुलंद रखता है अपने मन में आत्मविश्वास और अपने कर्मो पर विश्वास रखता है सफलता भी उसके कदम चुमती हैं।

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