भारत सरकार के साथ-साथ भारत के सभी राज्यों ने प्लास्टिक बैग्स बैन कर दिया था, जिकी जगह मार्किट में डिस्पोजेबल प्लास्टिक ने ले लिया था। डिस्पोजेबल प्लास्टिक की खासियत यह होती है की वह आसानी से डिस्पोसे किया जा सकता है पर डिस्पोजेबल प्लास्टिक है तो आखिर प्लास्टिक ही जो हमारे पर्यावरण, जल निकायों, उपजाऊ मिट्टी के साथ-साथ जानवरों के लिए भी हानिकारक है। हाल में ही एक व्हले ने कई टन प्लास्टिक निगल लिया था जिसकी वजह से उसकी पाचन तंत्र ब्लॉक हो गया और डॉक्टर्स के कई प्रयासों के बाद भी उसको नहीं बचाया जा सका। भारत में यह और भी खतरनाक है जहां रोड पर गयें घूमती है और जाने अनजाने में इन प्लास्टिक को खाना समझकर निगल लेती हैं।
5 जून 2018, मंगलवार, को तमिलनाडु सरकार ने राज्य भर में डिस्पोजेबल प्लास्टिक के निर्माण, बिक्री, भंडारण और उपयोग पर 1 जनवरी 2019 से पूर्ण प्रतिबंध करने का घोषणा किया है।
विधानसभा में सुओ मोटो बयान देते वक़्त चीफ मिनिस्टर एडप्पादी ने जानकारी दिया की यह घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता द्वारा गठित एक विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों पर आधारित थी।
पलानिसवामी ने कहा की यह प्रतिबंध पैकेजिंग दूध, दही, तेल और चिकित्सा उपयोगिता के लिए डिस्पोजेबल प्लास्टिक का उपयोग करने से बाहर है। अर्थात , यह प्रतिबन्ध पैक दूध, दही, तेल और मेडिसिन्स में इस्तमाल हुए डिस्पोजेबल प्लास्टिक को प्रतिबंध से बहार रखा गया है।
उन्होंने कहा कि प्रतिबंध मुख्य रूप से प्लास्टिक के कैर्री बैग, प्लास्टिक प्लेट्स, प्लास्टिक कप, प्लास्टिक के झंडे, पानी पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले छोटे प्लास्टिक के साचे आदि प्रतिबंध के दायरे में हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि डिस्पोजेबल प्लास्टिक नाले में जा कर जाने को जाम कर देते हैं जिससे सीवेज अवरोध का सामना करना पड़ता है और साथ ही साथ वह वाटर टेबल को भी प्रभाबित करता है।