नवरात्री के दौरान व्रत में रखे अपनी सेहत का ख्याल (एक स्वस्थ नवरात्रि भोजन योजना): नवरात्रि शुरू होते ही ज़्यादातर महिलायें पूरी भक्ति और श्रद्धा से व्रत रखने की तैयारी में जुट गई होंगी। नौ दिन के उपवास रखकर अपने परिवार की सुख और तरक्की की कामना के लिए प्रार्थना करने के बाद जो तृप्ति मिलती है।
वो उन नौ दिनों के व्रत की भूख प्यास के अहसास को भी समाप्त कर देती है परन्तु आजकल महिलाओं का काम केवल व्रत रख के घर पे आराम करने का नहीं रह गया है, उन्हें घर भी देखना है, ऑफिस भी जाना है, बच्चों के साथ भाग दौड़ भी करनी है और समय मिलने पर गरबा में भी तो जाना है। अब इस भाग दौड़ में अगर सेहत का ख्याल न रखे तो कही ये व्रत आपको महंगा ना पड़ जाये, इसीलिए इस लेख की मदद से हम आपको आपके वृतों की पूरी तैयारी करने में मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।
तो चलिए देखते हैं, क्या कुछ है नवरात्रि के लिए उचित आहार —
- उन लोगों के लिए जो सभी नौ दिन व्रत करते हैं, यह आवश्यक है कि वे नियमित अंतराल पर कुछ खाते रहें। यह उनके चयापचय को ठीक रखेगा।
- भोजन के बीच पानी बहुत पीते रहें।
- तले हुए खाद्य पदार्थ से बचें और दही, स्मूदीस , लस्सी और फल लेते रहें, जिससे की शरीर में पानी की कमी पूरी होती रहे।
- पूरी या पकोड़े ( तली हुई चीज़ें ) चाहे कूटू के आटा से बनाने के बजाय, कूटू की रोटी बनाए, साथ ही साथ तले हुए आलू-चाट के जगह उबला हुआ आलू-चाट और खीर की जगह मिश्रित फल दही या फ्लावर्ड दही ले
- समक के चावल से इडली और डोसा बना सकते है।
- संभव हो तो सप्ताह में आलू का सेवन दो बार ही करें। (वैसे ये नवरात्रि के दौरान मुख्य भोजन है।)
- व्यंजन जिनमें दूध की आवश्यकता होती है, स्किम्ड दूध या डबल टोंड दूध के साथ पकाया जा सकता है।
- पानी, नारियल पानी, नींबू पानी (चीनी) के बिना, हर्बल चाय आदि खूब पिए।
- कद्दू और सूप और करी की तरह अलग अलग रूप में घिया जैसी सब्जियों खाए, जो कम कैलोरी के साथ आप के पोषण के लिए भी आवश्यक है।
- कुट्टू के आटे के बजाय राजगिरे का उपयोग चपाती बनाने के लिए करें। यह हल्का होता है और कम कैलोरी भी होती है इसमें।
- थालीपीठ चीला , दही , मखाने या साबूदाना खीर के रूप में ले, ये बहुत ही कम से कम तेल के साथ बनाया जा सकता है और खाने के लिए स्वादिष्ट भी हैं।
- अपने पोषण के साथ के लिए सलाद, स्मूदीस और रायता के विभिन्न रूपों में ताजे फल के साथ लेने का प्रयास करें।
- नाश्ते के रूप में नमकीन और पकौड़े के बजाय, भुना हुआ मखाना की एक मुट्ठी या बादाम, पिस्ता, अखरोट जैसे नट्स के एक मुट्ठी भर ले सकते हैं।
- पीने के लिए कम वसा वाले दूध, लस्सी और दही आदि लें। ककड़ी, लौकी या टमाटर अपने दही में जोड़ें।
नवरात्रि के उपवास में आप ये सब खा सकते हैं :
- सिंघाड़ा का आटा — सिंघाड़ा एक पौष्टिक आहार है, जिसके आटे की रोटी बना कर खा सकते हैं।
- कूटू का आटा — एक प्रकार के अनाज का आटा, जिसे हम इंग्लिश में “Buckwheat Flour” कहते हैं, जिसका प्रयोग आप साधारण गेहूँ के आटे की जगह इस्तेमाल कर सकते हैं।
- राजगिरे का आटा (ऐमारैंथ आटा)
नवरात्रि के लिए उपयुक्त नहीं है —
- प्याज और लहसुन का सख्ती से परहेज करें। व्रत के व्यंजनों में दही और अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- दाल और फलियां।
- आम नमक प्रयोग नहीं किया जाता और इसके बजाय रॉक नमक या उपवास के नमक का प्रयोग किया जाता है, जिसे सेंधा नमक भी कहा जाता है।
- हल्दी (हल्दी), हींग (hing), सरसों (सरसों या राइ ), मैथी के बीज (मैथी दाना), गरम मसाला और धनिया पाउडर (धनिया पाउडर) की अनुमति नहीं है।
- शराब और मांसाहारी भोजन, इस पवित्र अवधि के दौरान सख्ती से मना है।
आटा और अनाज, नवरात्रि के उपवास में अनुमति नहीं है —
- चावल और चावल का आटा
- गेहूँ का आटा या आटा
- मेंदा (सभी उद्देश्य आटा)
- सूजी (रवा या सूजी)
- बेसन (काबुली चने का आटा या बेसन)
ये खाद्य लिए जाएं : —
फल, सब्जियों, साबूदाना, कूटू का आटा, आटा, राजगिरे, स्वांग के चावल, संयम, दूध, दही, पनीर, जूस, मिल्क शेक, नट और किशमिश, चाय और कॉफी, आलू।
नौ रंगों पोशाक इस नवरात्रि पहनने के लिए
प्रथम दिवस : 1
लाल रंग (1 अक्टूबर 2016): नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं। लोग इस दिन से घटस्थापना करते हैं। मां शैलपुत्री की मूर्ति को चमकदार लाल रंग के साथ तैयार किया जाता है। इस प्रकार लाल रंग सबसे उपयुक्त रंग है।
दूसरा 2 दिन (द्वितीय तृतीया) : –
रॉयल ब्लू (2 अक्टूबर 2016): दूसरे दिन द्वितीय माँ की पूजा की जाती है। जैसा कि नाम से ही सुझाव है कि मां दुर्गा के इस अवतार को पवित्रता के लिए जाना जाता है। देवी द्वितीय को नीले रंग में तैयार किया जाता है। इस प्रकार रॉयल ब्लू रंग सबसे उपयुक्त रंग है।
तीसरा 3 दिवस (चतुर्थी)
पीला (3 अक्टूबर 2016): : मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा है। इन्हें शांति, स्थिरता और बहादुरी के साथ सुंदरता के लिए जाना जाता है। इस दिन के लिए पीला रंग आपको उत्साह और ऊर्जा से भर देगा।
चौथा 4 दिन (पंचमी)
हरा (4 अक्टूबर 2016): चतुर्थी पर मां दुर्गा कुशमंदा को देवता के चौथे अवतार के रूप में पूजा जाता है। हरा रंग इस दिन के लिए उपयुक्त है।
पांचवें 5 दिन (षष्ठी)
ग्रे (5 अक्टूबर 2016): मां स्कंदमाता की नवरात्रि के प्रत्येक पंचमी पर पूजा की जाती है। वह राक्षसों की विनाशक है। इस दिन पर ग्रे रंग पहनने से आप अलग ही नज़र आएँगी।
छठी 6 दिवस (सप्तमी) महा सप्तमी
नारंगी ( 6 अक्टूबर 2016): इस दिन लोग माता कात्यायनी की पूजा करते हैं। और सप्तमी को नारंगी रंग आप को उर्जा से भर देगा।
सातवीं 7 वें दिन (अष्टमी)
व्हाइट (7 अक्टूबर 2016) : दुर्गा अष्टमी महागौरी पूजन अष्टमी संधि पूजा के दिन, मां दुर्गा की पूजा का दिन है। मां अन्नपूर्णा को सभी परेशानियों और चिंता से रक्षा के लिए पूजा जाता है। नवरात्रि के इस दिन में भिन्नता है, पर सफेद पहनना उचित रहेगा।
आठ दिन 8 मार्च दिवस (नवमी)
गुलाबी (8 अक्टूबर 2016): ये दिन मां महागौरी के पूजन का दिन है। आप इस दिन पर गुलाबी पहन सकती हैं।
नौवीं 9वाँ दिन (दशमी) सिद्धिदात्री पूजा पुरान दिवस
स्काई ब्लू (9 अक्टूबर 2016): नवरात्रि के इस दिन देवी सब बुराइयों को नष्ट करने के प्रतीक के रूप में मनाते हैं। इस दिन आप स्काई ब्लू कलर पहन सकती हैं और इस सब के बाद अगर गरबा करने का मन है, तो फिर तो आप सुन्दर चनिया चोली पहन के अप्सरा जैसी लग ही सकती हैं।
आप क्या पहनती है या कैसे तैयार होती है इस सब से ज्यादा ज़रूरी है वह श्रध्दा जो आप को व्रत रख कर और माँ की पूजा से प्राप्त होती है अपनी मनोकामनाओ की पूर्ती के लिए माँ से पूरे मन से प्राथना करे और अपनी सेहत का ख्याल रखे माँ अवश्य ही अपने सच्चे भक्तो की मनोकामना पूरी करती है।
☀ नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाये ☀