पांच आदतें जो आपकी सफलता में बाधा डाल रही हैं

मनुष्य में अच्छी और बुरी दोनों तरह की आदतें होती हैं । पर कुछ बुरी आदत है ऐसी होती है जिन्हें सुधार लेना ही बेहतर है। ऐसी कई क्रियाएं हमारे स्वाभाव में शामिल होती हैं जो हमारे जीवन को भीतर से खोखला बनाती जाती हैं और हमें एहसास भी नहीं होता। आज हम जानेंगे ऐसी ५ आदतें जो हमारे जीवन का ऐसा अभिन्न अंग हैं जो हमारे लिए घातक है।

1. निद्रा चक्र या स्लीप साइकिल का गड़बड़ होना

क्या आपका प्रतिदिन का सोने – जागने का समय अलग है? आज रात 10 बजे सोए और कल 2 बजे। आज सुबह 6 बजे उठे और कल 11 बजे। हमें एहसास नहीं होता पर यह आदत हमारे शरीर के समय चक्र को खराब कर देती है। परिणामस्वरूप, हम सुस्त, अनुर्वर, कमजोर और आलसी होते जाते हैं। जब आप एक समय पर सोने और एक ही समय पर जागने की आदत डालते हैं तो आपका शरीर खुद को उस प्रकार ढाल लेता है। फिर आपको नींद उसी समय पर आने लगती है और सोने में संघर्ष नहीं करना पड़ता। यही नींद खुलने के साथ भी होता है। आप बिना किसी संघर्ष, समय पर उठने लगते हैं।

इसी प्रकार यदि आप देर तक जागने या देर तक सोने के आदी हैं तो यह भी आपके लिए और आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। यह स्वाभाव आपके दिन भर के टाइमटेबल को बिगाड़ कर रख देता है। और दिन प्रतिदिन आपके सभी काम अधूरे रहते जाते हैं।

हमें भले ही पता नहीं लगता परंतु बिगड़ा हुआ निद्रा चक्र हमारी दैनिक समय सारणी को खराब कर देता है। फल स्वरुप हम अपने सभी कार्य आगे को टालने लगते हैं। यह आदत हमारी सफलता में बाधा बनती है क्योंकि इस रवैए के साथ हम कभी भी अपने लक्ष्य को नहीं पा सकते।

क्या करें?

अपनी इस आदत को यदि आप सहृदय सुधारना चाहते हैं तो अपने सोने का समय निर्धारित कर लें। शुरुआत में कुछ दिन तक समस्या का सामना करना पड़ सकता है लेकिन एक बार आदत बनने के साथ ही आप अपने अंदर एक सकारात्मक बदलाव देखेंगे। 8-9 घंटे से अधिक और 6 घंटे से कम नींद ना लें। व्यायाम, शारीरिक श्रम और योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। रात को हल्का भोजन लें और खाने के बाद एक छोटा ग्लास गुनगुना दूध पी कर सोएं। यह अच्छी नींद में सहायक होगा।

2. नशा

नशा किसी भी चीज का हो, हानिकारक होता है। शराब, सिगरेट, एवं नशीले पदार्थो का सेवन आपको मृत्यु के करीब धकेलता रहता है। नशे की लत दिनचर्या, आदतें, प्राथमिकताएं, सब बर्बाद होती जाती हैं। नशा कितनी ही बार घातक बन जाता है और कलह का कारण बनता है। नशा अलग अलग लोगों को अलग अलग चीजों का होता है। किसी को कॉफी, कोक या चाय जैसी कैफ़ीन युक्त चीजों का नशा होता है। किसी भी चीज की लत हमारे लिए नुकसानदेह होती है। आखिर हर चीज की अधिकता घातक है।

यदि आप में किसी भी प्रकार की लत है जिसके ना संतुष्ट होने पर आप गुस्सा, बेकाबू, उदास या परेशान हो जाते हैं तो ऐसी प्रवृत्ति आपको सफल होने से रोक कर रखेगी। यदि आप सफल हो भी जाएं तो ऐसी सफलता ज़्यादा दिन नहीं टिकेगी। क्योंकि लत हमेशा घातक होती है।

क्या करें?

किसी चीज को पसंद करना और उसका आदी होना दो अलग बातें हैं। नशा या लत होना आपको उस विशेष वस्तु के बिना बेचैन बना दिया है। अपनी ऐसी किसी भी बुरी आदत, नशे या लत से आपको जल्द छुटकारा पाने का प्रयास करना चाहिए। यदि नशा शराब, तंबाकू या सिगरेट का है या किसी भी सेवन योग्य पदार्थ का है तो आप स्वास्थ सहायता ले कर खुद को उस से मुक्ति दिला सकते है। इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प से किसी भी ऐसे व्यसन से मुक्त होने में मदद कर सकते हैं।

3. नकारात्मक विचारों में लिप्त रहना

नकारात्मकता सदैव ही नकारात्मक परिणाम लाती है। हम नकारात्मक रहकर एक सकारात्मक अंजाम की आशा नहीं रख सकते। नकारात्मक एवं कुविचारों के आसपास जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्ति स्वयं अपने सफलता के मार्ग पर रोड़े डालते हैं। अक्सर कहा जाता है कि हम जैसा सोचते हैं वैसे ही बन जाते हैं। अतः नकारात्मक विचारों के फल स्वरुप परिणाम भी वैसे ही होते हैं। यदि आप ऐसे माहौल में रहते हैं जहां नकारात्मक तरंगों का संचार हर वक्त बना रहता है। क्रोध, दुख जैसे भाव यदि आपके आसपास अक्सर मौजूद रहते हैं तो यह आपके कर्मों पर सीधा असर डालता है। यही वजह होती है कि जिन घरों में पारिवारिक कलह रहती है अक्सर वहां लोग अपने लक्ष्य को पाने में अत्यधिक कठिनाई महसूस करते हैं।

क्या करें?

यदि आप ही ऐसे ही वातावरण में रहते हैं या आपके आसपास ऐसे लोग रहते हैं जो नकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं, अक्सर गलत शब्दों का प्रयोग करते हैं तथा कलह को प्रोत्साहित करते हैं तो प्रयास करें कि अपने वातावरण, अपने माहौल में बदलाव लाएं। उन लोगों से एक निश्चित दूरी बना ले जो हमेशा आपको हतोत्साहित करते हैं। अपने जीवन में “मैं नहीं कर सकता”,“ यह नहीं हो पाएगा ” इत्यादि जैसे वाक्यों को कम से कम प्रयोग करें। सकारात्मकता के संचार को बढ़ाने के लिए योग, व्यायाम, अध्यात्म, खेलकूद आदि को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं।

4. अस्वस्थ भोजन शैली

दौड़-भाग वाली दिनचर्या और आधुनिकरण के प्रकोप से हमने अपनी खाने की आदतें बिगाड़ ली है। किसी भी समय कुछ भी खा लेना, पौष्टिक भोजन ना लेना, बाहर का तला-भुना अधिक खाना, जरूरत से अधिक या जरूरत से कम भोजन करना, आदि जैसी आदतें हमें अस्वस्थ बनाती हैं। गुण हीन भोजन हमें अस्वस्थ बना देता है। और बिना स्वास्थ्य का ध्यान रखें हम अपने लक्ष्य का ध्यान कभी नहीं रख सकते। “स्वास्थ्य ही संपत्ति है” यह हम सभी जानते हैं किंतु अपनी बिगड़ी हुई भोजन की आदतें नहीं सुधारते। परिणामस्वरूप हम अपनी सेहत खराब करते हैं, अक्सर बीमार रहते हैं, अनुर्वर महसूस करते हैं तथा अपने कार्य में मन नहीं लगा पाते हैं। इस तरह की आदत के साथ हम सफलता की उम्मीद कभी नहीं कर सकते।

क्या करें?

अपने खाने-पीने की आदतों को बदलने के लिए पौष्टिक भोजन का मार्ग अपनाएं। भोजन निर्धारित समय पर ही करें। सोने से पूर्व हल्का भोजन करें। जरूरत से अधिक किया जरूरत से कम ना खाएं। फल एवं सब्जियों का अपने भोजन में भरपूर प्रयोग करें। प्रयास करें कि ज्यादा से ज्यादा घर का बना भोजन ही खाएं। तली भुनी चीजें कम से कम खाएं।

5. मन में अति-आत्मविश्वास या आत्मविश्वास-हीनता का होना

किसी भी चीज की अधिकता या कमी हमेशा नुकसानदेह होती है। जीवन में सफल होने के लिए हर चीज का संतुलन होना आवश्यक है। अक्सर हम खुद पर इतना अधिक विश्वास करने लगते हैं की अहंकार में लिप्त होकर अपने बने बनाए काम बिगाड़ लेते हैं। और अक्सर ऐसे भी मौके होते हैं जब हमारा आत्मविश्वास इतना कम होता है कि हम वह कार्य भी नहीं कर पाते जिसमें हम निपुण है। आत्मविश्वास बहुत अधिक या बहुत कम दोनों ही स्थितियों में बुरा होता है। संतुलित आत्मविश्वास होना सफलता के लिए अत्यधिक आवश्यक है।

क्या करें?

  • “मैं यह कार्य निपुणता से कर सकता हूं” – यह आत्मविश्वास है।
  • “यह कार्य मुझसे बेहतर कोई नहीं कर सकता” – यह अति आत्मविश्वास है।
  • “मैं यह कार्य बिल्कुल नहीं कर सकता” – यह आत्मविश्वास हीनता है।

अतः अपने आत्मविश्वास को पहचाने और उसे संतुलित रखें। किसी भी कार्य में हिस्सा लेते वक्त यह कभी ना सोचे कि वह आप से नहीं होगा। आत्ममंथन एवं आत्मावलोकन अवश्य करें। अपने स्वभाव व व्यवहार पर नजर रखें और हमेशा या ध्यान रखें कि कहीं आप अहंकार के जाल में तो नहीं फंस रहे।

यह 5 आदतें हम सभी में होती हैं। यह वही आदतें हैं जो हमें सफलता के मार्ग पर जाने से रोकती हैं। यदि हम इन पर काबू पा लें तो हमें अपने लक्ष्य की राह पर चलने में आसानी होगी। इन ५ बातों का ध्यान रख हम हर उस कार्य में सफल होंगे जिसका हम लक्ष्य बनाते हैं।

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