अगर नए घर में जाना हो, तो जरूर जाने वास्तु से जुड़ी कुछ जरुरी बातें

नए घर में गृहप्रवेश करने से पहले वास्तु से जुड़ी कुछ आवश्यक बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, वास्तु के छोटे छोटे टिप्स हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। ज्योतिष शास्त्र में वास्तु का बहुत महत्व है, माना जाता है कि वास्तु दोष का उपाय ना करने से जीवन में उथल- पुथल मची रहती है।

वास्तु के अनुकूल घर का निर्माण, घर में प्रवेश तथा घर को व्यवस्थित करने से घर के अंदर वातावरण संतुलित रहता है, जिसका सीधा असर घर के अंदर रह रहे लोगों और उनके कार्यकलाप तथा बात विचार पर पड़ता है, इसीलिए जितना संभव हो सके कोशिश करना चाहिए कि नए घर में जाने से पहले वास्तु का ध्यान अवश्य रखा जाए।

वास्तु किसे कहते हैं?

वास्तु शब्द से तात्पर्य है निवास स्थान। और निवास स्थान पांच तत्वों से मिल कर बना होता है। ये पांच तत्व हैं – धरती, जल, अग्नि, आकाश और हवा। वास्तु विज्ञान का मुख्य उद्देश्य है इन पांचों तत्वों का संतुलन बना कर रखना। हमारे निवास स्थान या कार्य स्थल पर इन पांच तत्वों के संतुलन का असर हमारे कार्य कुशलता, हमारे रहन सहन, और हमारे जीवन पर पड़ता है, इसीलिए नए घर में जाने से पहले वास्तु नियमों पर अवश्य विचार कर लेना चाहिए।

वास्तु के अनुकूल नए घर में गृह प्रवेश कब करें?

गृह प्रवेश करने से पहले शुभ मुहूर्त का जरूर खयाल रखें। वैशाख, ज्येष्ठ, माघ, फाल्गुन महीने को गृह प्रवेश के लिए सबसे शुभ माना गया है, वहीं पौष,आषाढ़, सावन, भादव महीनों को गृह प्रवेश के लिए शुभ नहीं माना जाता है।

दिन के हिसाब से शनिवार और रविवार को गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए, मंगलवार को गृह प्रवेश करना भी वस्तु शास्त्र में वर्जित है, तो सप्ताह के इन तीन दिनों को छोड़ कर किसी भी दिन गृह प्रवेश किया जा सकता है।

नए घर में प्रवेश का मुहूर्त निर्धारित करने के लिए शुभ दिन और शुभ महीने के आलावा शुभ तिथि का भी होना जरूरी है। अमावस्या एवम् पूर्णिमा के दिन गृह प्रवेष करना निषिद्ध माना गया है। गृह प्रवेश शुक्लपक्ष के द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी को करना चाहिए, ये तिथियां नए घर में क़दम रखने के लिए शुभ मानी गई है।

गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त निकालने के लिए शुभ नक्षत्र का भी ध्यान रखा जाता है, जैसे उत्तर आसाढ़ नक्षत्र, उत्तर फाल्गुनी, उत्तरा भाद्रपद, मृगसिरा, रोहिणी, चित्रा, शतभिषा, रेवती, अनुराधा, स्वाति, धनिष्ठा एवम् पुष्य नक्षत्र को गृह प्रवेश के लिए शुभ माना जाता है।

किराए के घर में जाने का शुभ मुहूर्त:

किराए के घर में जाने के लिए भी शुभ मुहूर्त का विचार अवश्य करना चाहिए, किराए के घर में क़दम रखने के लिए भी उपरोक्त मुहूर्त को हीं चुनना चाहिए, लेकिन अगर किराए का घर बदलने कि जल्दी हो तो समय का अभाव रहने पर कुछ छोटी मोटी बातों का ध्यान रखकर घर में प्रवेश कर सकते हैं। जैसे मंगलवार, अमावस्या, पूर्णिमा इत्यादि को छोड़ कर हीं गृह प्रवेश करें, कोशिश करें कि सावन, या भाद्रपद महीने में घर ना बदलना पड़े। इसके अलावा अगर अधिक जरुरी में किराए का मकान जल्दीबाजी में बदलना पड़े और वास्तु की ओर ध्यान देना संभव ना हो तो घर के दरवाजे पर पहले स्वस्तिक चिन्ह बनाएं और फिर गणेश जी का स्मरण करते हुए गृहप्रवेश करें। दशहरा और अक्षय तृतीया के मौके पर बिना किसी मुहूर्त का विचार किए हीं नए घर में जाया जा सकता है, क्यूंकि यह समय गृह प्रवेश के लिए उत्तम माना गया है।

वास्तु के हिसाब से कैसा होना चाहिए आपका घर?

नया घर चाहे अपना बनवाएं या किराए पे लें, घर का मुख्य द्वार उत्तर या पूर्व की ओर हीं होना चाहिए। घर के मुख्य द्वार का दक्षिण या पश्चिम में होना वास्तु के अनुकूल नहीं होता है। घर के अंदर उत्तर पूर्व दिशा में मंदिर या पूजा स्थल होना चाहिए।बाथरूम के लिए पश्चिम दक्षिण कोना सही रहता है जबकि किचन दक्षिण पश्चिम दिशा या आग्नेय कोण में होना चाहिए।पूर्व उत्तर दिशा या ईशान कोण में अध्ययन का स्थान निर्धारित करना चाहिए।बिस्तर का सिराहना हमेशा दक्षिण या पूर्व की ओर हीं होना चाहिए और शयनकक्ष में दर्पण भी नहीं रखना चाहिए।

घर में पहला कदम रखते समय करें ये शुभ काम:

वस्तु के अनुसार अपने नए घर या किराए के घर में पहला कदम रखते समय गृह स्वामिनी को अपने साथ हल्दी, गुड, चावल, दूध,और नारियल अपने साथ लेकर घर में प्रविष्ट होना चाहिए।गृह प्रवेश के वक्त पुरुष को अपना दायां पैर और स्त्री को अपना बायां पैर पहले घर के अंदर रखना चाहिए। गणेश जी की मूर्ति और मंगल कलश को गृह प्रवेश के दिन अपने साथ घर के अंदर ले जाना चाहिए।घर के मुख्य द्वार पर कुमकुम या रोली से स्वस्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए।सबसे पहले मंगल कलश को ईशान कोण में रख कर भगवान की पूजा करनी चाहिए। रसोई में सबसे पहले दूध उबालना चाहिए, फिर कुछ मिष्ठान्न बना कर भगवान को भोग लगाना चाहिए। इस तरह अगर नए घर में गृह प्रवेश के साथ वास्तु के कुछ उपायों को किया जाए, तो नए घर में प्रवेश खुशियों से भरा रहता है, घर के अंदर के सकारात्मक ऊर्जा से सभी के मन मस्तिष्क में सकारात्मक भाव रहता है, और हर कार्य सफल होता है।

नए घर में प्रवेश के बधाई संदेश:

नए घर में प्रवेश के साथ हीं नए घर में प्रवेश की बधाइयों का भी सिलसिला शुरू हो जाता है। नए घर में प्रवेश के समय कुछ खास लहजे में बधाई संदेश देकर इस खास मौके को और भी खास बनाया जा सकता है।

  • गणेश जी की कृपा आपके और आपके नए घर पर बरसे, संकट आपके आसपास आने को भी तरसे।
  • नए घर में प्रवेश की बहुत बहुत बधाईयां।
  • नए घर में जीवन खुशियों से खिल उठे, धन बरसे, प्रेम बरसे और सबके दिल मिले।
  • आपके और आपके परिवार के लिए नया घर बहुत बहुत शुभ हो।
  • नया घर ऐसा हो कि जीवन भी नया हो जाये, सारे गिले शिकवे दूर हो और सब मिल एक हो जाएं।
  • नए घर में सुख समृद्धि की बरसात हो, आपको और आपके परिवार को नए घर की ढेर सारी शुभकामनाएं।

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