क्या कारण है कि आज महिलाएं सुरक्षित नहीं है?

आज के समय में सबसे बड़ा प्रश्न है यह कि महिलाएं सुरक्षित क्यूँ नहीं है? क्यूं कोई महिला आजाद नहीं है? क्यूं आज भी महिलाओं को अकेले बाहर जाने में संकोच हैं और कब तक यह सिलसिला चलता रहेगा? आज हर महिला पर यह प्रश्न है कि क्या वह  सुरक्षित है जब भी कोई महिला घर से बाहर जाती है चाहे वह एकांत हो या सार्वजनिक जगह कहीं भी महिला सुरक्षित नहीं है। आज कई ऐसी महिलाएं हैं जो अधिकांश रूप से नौकरी और पढ़ाई के लिए घर से बाहर है सबसे बड़ी तो यह है कि वह खुद के घर में नहीं है बाहर रहने वाली महिलाओं के साथ कोई सुरक्षा कवच नहीं है अक्सर वह महिलाएं जब अपने घरों से बाहर जाती है या अॉफिस जाती है तो अक्सर अमानवीयता का शिकार हो जाती है। और जिस तरह की अमानवीयता उनके साथ होती है उसे बयां नहीं किया जा सकता, आज समाज में बहुत ऐसे अमानवीय लोग हैं जो महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बनाते हैं क्या उनके घर में महिलाएं नहीं है या कोई बहन नहीं है, सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि एक किस्सा खत्म होता नहीं और दूसरा अपराध सुनने को मिल जाता है क्या वास्तविक रूप से हमारा समाज प्रगति कर रहा है? एक अपराधी के लिए महिला का शोषण और उस पर जुर्म इतना सामान्य है कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं वह अपराध करके सामान्य रूप से जीवन जीता है परन्तु वह यह नहीं जानता कि उसके एक अपराध ने एक महिला का सामान्य जीवन खत्म कर दिया है वह जीवित तो रहती है परन्तु सिर्फ शारीरिक रूप से वह मानसिक रूप से अजीवीत ही रहती है, जब भी किसी महिला पर जुर्म होता है तो हर महिला वह सुनकर अपने आप में झंझोर जाती है उसके मन में अनेक ख्याल आते हैं कैसे उस महिला ने अपराधियों का सामना किया होगा और भी कई। सबसे बड़ा विषय तो यह है कि अपराधी कानून से डरना भूल गए हैं इसलिए ऐसे अपराध खत्म नहीं होते और बढ़ गये हैं। यदि कोई अपराधी किसी अकेली महिला को देखकर उसका फायदा उठाने की कोशिश करते हैं तो वह समझते हैं कि वह महान है और किसी भी तरह महिला को बस में कर सकते हैं यह उनकी महानता नहीं कायरता हैं, किसी भी अपराधी पुरूष में इतनी ताकत नहीं है कि वह अकेले किसी महिला पर अपराध कर सके आज हम महिलाओं पर अपराध होने वाले जितने भी किस्से सुनते हैं वह सामुहिक अपराध ही होते हैं एक अकेली महिला किसी भी अकेले पुरूष का सामना कर सकती है अपना बचाव कर सकती है परन्तु सामुहिक रूप से नहीं और उसी का फायदा उठाते हैं अपराधी।एक ओर हम देवी की पूजा करते हैं दूसरी ओर अपराधी महिलाओं पर अपराध करते हैं।

महिलाओं पर अपराध:

आज महिलाओं पर अनेक प्रकार के अपराध हो रहे हैं किसी को सामाजिक स्थल पर छेड़ा जाता है या किसी का शोषण होता है किसी पर एसिड फैका जाता है तो किसी के साथ मारपीट अपराधियों की ये कड़ी दिन पर दिन बढ़ रही है और यह अपराध कर कौन रहा है हमारे ही समाज में रहने वाले अमानवीय लोग। जब एक लड़की घर से बाहर छोटे कपड़े पहनती हैं तो उस पर उंगलियां उठती हैं लोगो का कहना होता है हैं लड़की को लड़की की तरह रहना चाहिए दरअसल छोटे कपड़े नहीं होते छोटी उन लोगों की सोच होती है जो लड़कियों के कपड़ों पर अपने विचार व्यक्त करते हैं कहा जाता है गलत कपड़े पहनने वाली लड़कियों के साथ होता है तो परन्तु सच तो यह है कि सलवार कमीज पहनने वाली लड़कियों पर भी अपराध उसी प्रकार होता है। आज अमानवीयता ने इतना भयानक रूप ले लिया है कि अब अपराधी छोटी बच्चियों को भी अपना शिकार बनाने लगे हैं उस उम्र में उनके साथ अपराध किये जा रहे हैं जब उन्हें पता ही नहीं है कि क्या अच्छा है और क्या बुरा है उनका बचपन छिन लिया जाता है वे अपराधी नहीं जानते कि इससे बच्चियों की मानसिक स्थिति पर क्या असर होगा। कई लड़कियों पर एसिड फैक दिया जाता है बिल्कुल पानी की तरह, उस एसिड 1 प्रतिशत भी यदि अपराधी पर गिर जाये तो उसे समझ में आयेगा किस दर्द से एक लड़की गुजरती है, फिर वह अपराधी तो पानी की तरह एसिड लड़की पर फैक देता है। कहने का तात्पर्य यह है कि जब हमारे समाज में ऐसे किस्से होते हैं तो उन लड़कियों की मानसिकता पर भी असर पड़ता है।आज से कुछ सालों पहले बच्चे जब विद्यालय से घर आते थे तो उनके माता-पिता पूछते थे उन्हें क्या सिखाया गया परंतु आज अधिकांश माता-पिता का यही प्रश्न होता है कि तुम विद्यालय में सुरक्षित हो या नहीं।हर दिन महिलाओं पर अपराध बढ़ने की संख्या का आंकड़ा सामने आता है जो कि हमारे समाज के लिए शर्मनाक है।

कैसे बचाव करे:

जब भी कोई महिला अकेले अपने घर से बाहर जाती है तो उसे अपने साथ में घरेलू उपयोग में आने वाली चीजें जैसे मिर्च या कोई नुकीली वस्तु साथ मे रखना चाहिए ताकि वह अपना बचाव कर सके। आत्मरक्षा लड़कियों को सिखाने की जरूरत है जिसे अंग्रेजी में हम सेल्फ डिफेंस कहते हैं। जब कोई महिला घर से बाहर जाती है वह किसी स्थान पर जाने के लिए वाहन का उपयोग करती हैं तो उसे उस वाहन में बैठते ही तुरंत उसकी जानकारी और वाहन का नम्बर वाहन चालक के सामने ही अपने परिवार को देना चाहिए। यदि कोई महिला अकेले रास्ते पर जा रही है और उसे उस रास्ते का कोई अनुभव नहीं है तो उसे अपने आस-पास वाले लोगों को नहीं जताना चाहिए, यदि सुनसान रास्ते पर हो या सार्वजनिक जगहों पर भी जागरूक होकर चलना चाहिए और सामने वाले को यह अहसास नहीं होने देना चाहिए कि आप सहमे हुए हो।रास्ते में किसी भी अनजान व्यक्ति से मदद नहीं लेना चाहिए हमारे पास सभी सुविधाएं हैं यदि किसी महिला को रास्ते की जानकारी नहीं है तो वह गूगल मेप का उपयोग कर सकती है। किसी भी केब या अॉटो में बैठते ही गूगल मेप चालू कर लेना चाहिए ताकि महिला को पता रहे कि वह सही जा रही है या नहीं। हर महिला को अपनी सुरक्षा के लिए इन बातो का ध्यान रखना जरूरी है।

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